Harihar Milan 2025: गोपाल मंदिर में हुआ हरि-हर का दिव्य मिलन, भक्ति से सराबोर हुई शिव नगरी उज्जैन
punjabkesari.in Tuesday, Nov 04, 2025 - 08:11 AM (IST)
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Harihar Milan 2025: उज्जैन में हरि-हर मिलन का पावन अवसर एक बार फिर भक्ति और आस्था का अनोखा संगम बना। यह दिव्य आयोजन हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा पर मनाया जाता है, जब भगवान महाकाल स्वयं गोपाल मंदिर पहुंचकर भगवान विष्णु से मिलते हैं। इस दिन भगवान शिव सृष्टि के संचालन का दायित्व चार महीनों के लिए भगवान विष्णु को सौंपते हैं। इसे सृष्टि संचालन का परिवर्तन काल भी कहा जाता है, जो देव शयन और देव जागरण से जुड़ा हुआ है।
सोमवार सुबह उज्जैन में भगवान महाकाल की भव्य सवारी निकाली गई। इस सवारी में हजारों श्रद्धालु हर-हर महादेव और जय श्री हरि के जयकारों के साथ शामिल हुए। सवारी जब गोपाल मंदिर पहुंची, तब वहां पहले से भगवान गोपाल की अलौकिक सजावट की गई थी। मंदिर परिसर में हरि-हर मिलन का दृश्य देखते ही वातावरण भक्तिमय हो उठा। दोनों देवताओं के मिलन का यह क्षण हिंदू धर्म में एकता, सृजन और पालन के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
इस परंपरा के अनुसार, जब भगवान विष्णु चार महीने तक योगनिद्रा में रहते हैं, तब सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर हरि-हर मिलन के साथ ही भगवान विष्णु के जागरण का काल आरंभ होता है और शिव जी सृष्टि का भार पुनः उन्हें सौंप देते हैं। इस अवसर पर उज्जैन के सभी प्रमुख मंदिरों में दीप सजाए गए और गंगा आरती के समान भव्य आरती का आयोजन हुआ। भक्तों ने महाकाल और श्री हरि के जयघोष के बीच दान, पूजन और स्नान कर पुण्य अर्जित किया। उज्जैन का यह अद्भुत पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देवताओं की एकता और सृष्टि संतुलन का सुंदर संदेश भी देता है।
