हरकी पैड़ी हादसा: कभी छलका था जहां अमृत, वहां कुदरत ने बरसाया कहर

punjabkesari.in Wednesday, Jul 22, 2020 - 09:31 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

हरिद्वार (ब्यूरो) : समुद्र मंथन के दौरान हरकी पैड़ी के जिस ब्रह्मकुंड में अमृत गिरा था मंगलवार को उसी की दीवार पर बिजली गिरी। अच्छी बात यह रही कि जीवनदायिनी मां गंगा के इस घाट पर किसी तरह की जनहानि नहीं हुई। पौराणिक कथाओं के मुताबिक समुद्र मंथन के दौरान धरती पर 4 जगह अमृत छलका था। इलाहाबाद, उज्जैन और नासिक के साथ ही हरिद्वार में जिस जगह पर आज हरकी पैड़ी है वहां पर अमृत की बूंदें गिरी थी। यही कारण है कि इन चारों स्थानों पर कुंभ मेले होते हैं हरकी पैड़ी के जिस स्थान पर अमृत गिरा था उस जगह को ब्रह्मकुंड कहा जाता है। यहीं पर हर रोज सुबह शाम गंगा आरती होती है।

PunjabKesari Haridwar Har ki Pauri

भगवान श्री हरि के पड़े थे चरण
जिस स्थान पर आज हरकी पैड़ी है वहां पर भगवान श्री हरि के चरण पड़े थे। इसीलिए इसका नाम हरकी पैड़ी पड़ा। हरिद्वार में आकर ही गंगा पहाड़ से मैदानी क्षेत्र में प्रवेश करती है। इसलिए इसे गंगा का द्वार भी कहा जाता है। हरिद्वार में हरकी पैड़ी का निर्माण राजा विक्रमादित्य ने अपने भाई याद में कराया था।

PunjabKesari Haridwar Har ki Pauri

हरकी पैड़ी पर ही होता है अस्थि विसर्जन
हरिद्वार में वैसे तो अनेक गंगा घाट हैं लेकिन दूरदराज से आने वाले सभी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र हरकी पैड़ी ही रहता है। देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु हरकी पौड़ी पर ही स्नान करना चाहते हैं। हरकी पैड़ी पर ही अस्थि विसर्जन होता है। कहा जाता है कि यहां गंगा में अस्थि विसर्जन करने से मरने वाले को मोक्ष मिलता है। अपने परिजनों के मोक्ष की चाह में अनेक लोग अस्थियां लेकर हरिद्वार पहुंचते हैं। कुंभ के दौरान हरकी पैड़ी स्थित ब्रह्मकुंड में ही विभिन्न अखाड़ों के संत महात्मा स्नान करते हैं। जिसे शाही स्नान कहा जाता है।

PunjabKesari Haridwar Har ki Pauri


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News