हनुमान जंयती: इस विधि से करें केसरी नंदन की पूजा, शत्रुओं का होगा खात्मा
punjabkesari.in Tuesday, Apr 16, 2019 - 11:22 AM (IST)
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इस महीने की 19 अप्रैल को हनुमान जंयती का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन बजरंगबली की पूजा का अधिक महत्व है। कहते हैं कि जो भी व्यक्ति इस दिन संकटमोचन हनुमान को प्रसन्न कर लेता है, उसके समस्त संकटों को पवनपुत्र खुद ही हर लेते हैं और उसकी सभी परेशानियों खत्म कर देते हैं। परंतु बहुत से ऐसे लोग होते हैं जिन्हें इनकी पूजा करने का मौका नहीं मिल पाता या यूं कहें कि उन्हें इनकी पूजन विधि के बारे में जानकारी नहीं होती जिस कारण उन्हें हनुमान जी की कृपा प्राप्त नहीं हो पाती। तो चलिए हम आपको इनकी हनुमान जयंती के इस खास मौके पर आपको बताते हैं हनुमान जी के जन्म कथा और इनकी खास पूजन विधि जिससे आप अपने शत्रुओं पर बड़ आसानी से विजय प्राप्त कर सकते हैं।
हनुमान जी की जन्म कथा
पौराणकि मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी भगवान शिव का 11वां अवतार माने गए हैं। इनके जन्म से जुड़ी कथाओं के मुताबिक अमरत्व की प्राप्ति के लिए जब देवताओं और असुरों ने समुद्र मंथन किया, तो उससे निकले अमृत को असुरों ने छीन लिया। जिस कारण देव और दानवों में युद्ध छिड़ गया।
क्या इस गुफा में हुआ था हनुमान जी का जन्म ? (VIDEO)
इस युद्ध को रोकने के लिए श्री हरि विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया, जिसे देख देवताओं और असुरों के साथ ही भगवान शिव भी कामातुर हो गए। इस दौरान भगवान शिव ने वीर्य त्याग किया, जिसे पवनदेव ने वानरराज केसरी की पत्नी अंजना के गर्भ में स्वीकृत कर दिया। इसके फलस्वरूप माता अंजना के गर्भ से बजरंगबली जी का जन्म हुआ।
पूजन विधि
ज्योतिष के अनुसार सुबह उठते ही में प्रभु श्री राम, माता सीता और हनुमान जी का ध्यान करें। इसके बाद दैनिक कार्य से निवृत होकर ब्रह्म मुहूर्त में हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित कर विधि-पूर्वक पूजा-पाठ करके और बजरंगबली जी की आरती उतारें। फिर हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें। बता दें इस दिन श्री रामचरित मानस के सुंदरकांड व हनुमान चालीसा का अखंड पाठ भी करवाया जा सकता है।
इसके अलावा हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं जल्द पूरी होती हैं। प्रसाद के रूप में इन्हें गुड़, भीगे या भुने हुए चने एवं बेसन के लड्डू भेंट करें इससे हनुमान जी बहुत प्रसन्न होते हैं।
जानें बजरंगबली को क्यों चढ़ाते हैं सिंदूर ? (VIDEO)