गोपाष्टमी 2022: मात्र ये काम करने से मिलेगी गाय माता के साथ-साथ तमाम देवी-देवताओं की कृपा

punjabkesari.in Monday, Oct 31, 2022 - 05:14 PM (IST)

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प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाता है, जो इस बार 01 नवंबर, 2022 दिन मंगलवार को पड़ रहा है। इस पर्व के नाम से ही स्पष्ट है कि हिंदू धर्म का ये त्यौहार गाय माता को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन गौ माता की पूजा की जाती है। इससे जुड़ी धार्मिक किंवदंतियों की मानें तो कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से लेकर सप्तमी तक भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी एक उंगली पर गोवर्धन पर्वत धारण किया था। जिसके बाद आठवें दिन इंद्र अपना अहंकार और गुस्सा त्यागकर श्रीकृष्ण के पास क्षमा मांगने आए थे। ऐसा माना जाता है तभी से कार्तिक शुक्ल अष्टमी को गोपाष्टमी का उत्सव मनाया जा रहा है। लोक मत है कहते गौ माता की सेवा व पूजा करने से जीवन का हर एक दुख-दर्द जीवन से खत्म हो जाता है। तो आइए जानते हैं गोपाष्टमी के शुभ मुहूर्त, पूजन विधि व महत्व के बारे में- 
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सबसे पहले जानें लें कि हिंदू पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि का आरंभ 01 नवबंर को प्रातः 01 बजकर 11 मिनट पर होगा और इसका समापन इसी रात 11 बजकर 04 मिनट पर होगा। 

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गोपाष्टमी पूजा विधि- 
गोपाष्टमी को प्रातः उठकर गायों को स्नान कराएं फिर गौमाता का आकर्षक श्रृंगार करें। गंध-पुष्प आदि से गायों की पूजा करें और फिर उनकी आरती उतारकर हाथ जोड़कर अभिवादन करना चाहिए और ग्वालों को उपहार आदि देकर उनका सम्मान करें।इसके बाद गाय की पूरे परिवार के साथ परिक्रमा करनी चाहिए और हरा चारा खिलाना चाहिए। हरा चारा खिलाने के बाद थोड़ी दूर तक उनके साथ जाएं। संध्या को जब गायें वापिस आएं तो उनका चंदन लगाकर, पुष्प अर्पित और धूप दिखाकर पूजन करें। इसके बाद उनको कुछ खाने को दें। अंत में गौ माता के चरणों की मिट्टी को मस्तक पर लगाएं। ऐसा करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। बता दें कि अगर घर में गाय नहीं है तो गाय को घर के मुख्य द्वार पर बुलाकर उनको स्नान कराने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
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गोपाष्टमी महत्व -
गोपाष्टमी का ये पर्व गौधन से जुड़ा है। हिंदू धर्म में गोपाष्टमी पर्व  का खास महत्व माना गया है। गाय सनातन धर्म की आत्मा मानी जाती है। हिन्दू धर्म में गाय का महत्व होने के पीछे एक कारण ये भी है कि गाय को दिव्य गुणों का स्वामी कहा गया है। गाय में देवी-देवता का निवास माना गया है। इतना ही नहीं  पौराणिक ग्रंथों में कामधेनु का जिक्र भी मिलता है। मान्यता है कि गोपाष्टमी के दिन संध्या पर गाय की पूजा करने वाले लोगों को सुख समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त होता है। कहते हैं कि गोपाष्टमी के दिन गाय की पूजा करने से सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद व्यक्ति को प्राप्त होता है। बता दें कि इस दिन गायों के साथ भगवान कृष्ण की भी पूजा की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति का भाग्योदय होता है।
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Content Writer

Jyoti

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