10 दिसंबर: बनेगा शुभ योग, बड़े बदलाव से बदलेगा जिंदगी का रुख

punjabkesari.in Wednesday, Dec 07, 2016 - 01:06 PM (IST)

जिस दिन गीता उपदेश गोविंद भगवान ने अर्जुन को दिया, वह दिन था मार्गशीर्ष की शुक्ल पक्ष की एकादशी (मोक्षदा एकादशी) जिसे हम श्री गीता जयंती के नाम से जानते हैं। पुराणों ने इस पवित्र दिन को विशेष महत्व दिया जब धर्म रक्षक भगवान श्री कृष्ण ने 700 श्लोक और 18 योग के माध्यम से समस्त शास्त्र ज्ञान को सारगर्भित शब्दों में कहा। 10 दिसंबर, शनिवार को गीता जयंती पर्व और मोक्षदा एकादशी का शुभ योग बन रहा है। इस दिन किए गए उपाय बड़े बदलाव से बदलेंगे जिंदगी का रुख 


* मनोकामना पूर्ति के लिए गीता जयंती से आरंभ कर हर रोज 21 दिन तक श्रीकृष्ण मंदिर में नारियल और बादाम अर्पित करें। 


* आर्थिक अभाव चल रहा है तो 10 दिसंबर की सुबह श्रीराधाकृष्ण मंदिर में दर्शनों के लिए जाएं, युगल जोड़ी के लिए भेंट स्वरूप पीले रंग के फूलों की माला लेकर जाएं।


* गृह कलह से मुक्ति के लिए श्री कृष्ण का गुलाब जल और केसर मिलाकर अभिषेक करें।


* केले के दो पेड़ लगवाएं, उनसे प्राप्त होने वाले केले दान करें लेकिन खुद न खाएं। पीढ़ियों तक घर-परिवार में मां लक्ष्मी का वास बना रहेगा। 


* श्री कृष्ण को पान का पत्ता भेंट करें, उस पर रोली से श्री लिखें। 11 दिसंबर की सुबह इस पत्ते को तिजोरी में रख लें। धन कुबेर की कृपा बनी रहेगी।


* तुलसी के पत्ते डालकर श्री कृष्ण को खीर का भोग लगाएं, देवी लक्ष्मी को भी खीर का भोग लगाएं लेकिन उसमें तुलसी नहीं डालें। श्री कृष्ण और देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होगा।


* दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर श्री कृष्ण का अभिषेक करने से मां लक्ष्मी हर कामना को पूरा करती है।


* श्रीकृष्ण मंदिर में बैठकर तुलसी की माला पर इस मंत्र का जाप करें- हरेकृष्णा हरेकृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे। हरेराम हरेराम राम राम हरे हरे।।


* समस्त कष्टों का निवारण चाहते हैं तो श्रीकृष्ण को पीले रंग की मिठाई, फल, वस्त्र आदि भेंट करें। बाद में ये सामान जरूरतमंदों में बांट दें।


* शाम को देवी तुलसी पर दीप अर्पित करें।


* आमदनी, प्रमोशन या इंक्रीमैंट में वृद्धि के लिए गीता जयंती से आरंभ कर 5 शुक्रवार को 7 कन्याओं को अपने घर बुलाकर खीर या सफेद मिठाई खिलाएं।


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