Ramayan: जानें, कौन है ईश्वर का Favourite
punjabkesari.in Tuesday, Jun 28, 2022 - 10:09 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Who is gods favorite person: कठोपनिषद के अनुसार परमात्मा न तो प्रवचन सुनने से मिलता है, न बुद्धि के गाम्भीर्य से, न वेद पढ़ने से प्राप्त होता है वरन् जिसे वह वरण करता है, अपनाता है उसी को ही वह प्राप्त होता है।
गोस्वामी तुलसीदास जी भी रामचरितमानस में यही कहते हैं कि जिसे आप अपना ज्ञान कराते हैं, उसी को आपका ज्ञान होता है।
तात्पर्य यह है कि हम जप-तप आदि अहंकारपूर्वक कार्य न करें तथा यह न समझें कि हमने इतना व्रत, तप आदि किया है तो ईश्वर को अपना साक्षात्कार कराना ही पड़ेगा, क्योंकि परमात्मा साधक एवं उसके द्वारा किए गए तप आदि से परे हैं।
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व्यवहार में भी हम देखते हैं कि प्राय: आदमी थोड़ा-सा भी दान, व्रत, सेवा करता है तो उसे अहंकार आ जाता है। जो बात साधारण आदमी को भी अच्छी नहीं लगती तो ईश्वर को कैसे अच्छी लग सकती है।
भावार्थ है कि हमसे जब जप, तप, व्रत, दान, यज्ञ आदि होता है तो उस समय यह समझना चाहिए कि परमात्मा आज मुझ पर प्रसन्न हैं जो मुझे उन्होंने ऐसी सद्बुद्धि और अवसर दिया, बल्कि वह स्वयं ही यह सब कर रहे हैं। मैं केवल प्राणी मात्र हूं। यही परमार्थिक सत्य भी है।