Falgun Amavasya 2025: फाल्गुन अमावस्या पर इन स्थानों पर जलाएं दीपक और पितृ दोष को कहें अलविदा

punjabkesari.in Wednesday, Feb 26, 2025 - 01:04 PM (IST)

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Falgun Amavasya 2025: भारतीय संस्कृति में अमावस्या का दिन विशेष महत्व रखता है खासकर जब यह फाल्गुन माह की अमावस्या होती है। यह दिन पितृ पूजा, तर्पण और विशेष रूप से पितृ दोष को निवारण करने के लिए जाना जाता है। हिंदू धर्म में अमावस्या को पितरों के सम्मान में पूजा करने और दीप जलाने की परंपरा है ताकि पितृ प्रसन्न हों और अपने आशीर्वाद से परिवार को समृद्धि और सुख-शांति मिले। फाल्गुन अमावस्या का पर्व विशेष रूप से पितृ दोष को दूर करने के लिए उपयुक्त माना जाता है। पितृ दोष तब होता है जब पूर्वजों के प्रति कोई कर्तव्य पूरा नहीं होता है या कोई गलत कार्य किया जाता है, जिससे पितृ नाराज हो जाते हैं और उनके आशीर्वाद से परिवार में परेशानियां आ सकती हैं। फाल्गुन अमावस्या का दिन इस दोष को दूर करने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।

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फाल्गुन अमावस्या का महत्व
फाल्गुन अमावस्या का दिन विशेष रूप से पितृ पूजा और तर्पण के लिए महत्त्वपूर्ण है। इस दिन पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए लोग व्रत रखते हैं और तर्पण करते हैं, ताकि उनके पितृ आशीर्वाद से उनका जीवन सुखमय हो। इस दिन विशेष रूप से दीप जलाने की परंपरा है क्योंकि दीपक का अर्थ होता है अंधकार से प्रकाश की ओर जाना, और यह पितृ दोष के निवारण के प्रतीक के रूप में माना जाता है।

फाल्गुन अमावस्या पर दीप कहां जलाने चाहिए ?

फाल्गुन अमावस्या के दिन घर के मंदिर में दीपक जलाने से विशेष लाभ होता है। यह स्थान पवित्र होता है और यहां दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। मंदिर में दीप जलाने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में शांति बनी रहती है।

घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से घर में आने वाली नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। यह घर के भीतर शुभता और समृद्धि का संचार करता है। इस स्थान पर दीप जलाने से घर के सभी सदस्य अच्छे स्वास्थ्य और सुखी जीवन का अनुभव करते हैं।

फाल्गुन अमावस्या के दिन शिव मंदिर में दीपक जलाने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।  भगवान शिव पितृ दोष को दूर करने वाले देवता माने जाते हैं और इस दिन उनके मंदिर में दीपक जलाने से पितरों के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।

घर के आंगन या बगीचे में दीप जलाने से घर के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह स्थान घर के भीतर और बाहर के बीच का सामंजस्य स्थापित करता है, जिससे शांति और समृद्धि का वास होता है।

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फाल्गुन अमावस्या पर दीप जलाने के विशेष उपाय

फाल्गुन अमावस्या पर दीपक में तिल का तेल डालकर जलाने से पितृ दोष दूर होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है। तिल का तेल शुद्धिकरण और पवित्रता का प्रतीक है।

दीपक को हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में जलाना चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।

दीपक के पास तिल और चीनी रखने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। यह उपाय विशेष रूप से फाल्गुन अमावस्या के दिन लाभकारी होता है।

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Content Editor

Prachi Sharma

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