क्या आप भी धन के अभाव में दुखी होकर आत्महत्या करने की सोचते हैं

punjabkesari.in Wednesday, Sep 27, 2017 - 12:19 PM (IST)

जापान के टोक्यो शहर में एक व्यक्ति धन के अभाव में इतना दुखी हो गया कि वह आत्महत्या करने के बारे में सोचने लगा। इससे पहले कि वह कुछ गलत करता, एक मनमौजी व्यक्ति ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा, क्या तुम जीवन के मूल्य को नहीं जानते हो? यह मानव जीवन क्या धन के अभाव में दुखी होकर आत्महत्या करने के लिए ही मिला है एेसा करने से क्या तुम्हें मुक्ति मिल जाएगी? इससे अच्छा है हंसो और जीवन के रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं को पीछे धकेल दो। उस व्यक्ति ने मुड़कर उस मनमौजी व्यक्ति को देखा और सिसकियां भरकर रोने लगा।

उसने उस मनमौजी व्यक्ति को अपने आत्महत्या करने के कारणों की सारी कथा एक ही सांस में कह सुनाई, कि कैसे पिछले 3 दिनों से उसका परिवार भूख से छटपटा रहा है। उसकी दर्द भरी व्यथा सुनकर उस मनमौजी व्यक्ति की आंखों में भी आंसू भर आए और उसने प्रण किया कि आज से ही वह अपनी कमाई का अधिक से अधिक अंशदान में दिया करेगा। यह संकल्प करने के बाद उसने गुप्तदान की पेटी सड़क के बीचों-बीच लगवाकर उस पर लिख दिया, ‘जिस व्यक्ति को सचमुच पैसों की आवश्यकता हो, वह इसमें से निकाल कर नि:संकोच भाव से अपना काम चला सकता है और जो कोई जरूरतमंद ऐसा करेगा उससे मुझे अत्यंत प्रसन्नता होगी।’

इस पर बहुत से जरूरतमंद व्यक्ति सोचते हैं कि उपदेशक गरीबी के दर्शन की पुरजोर वकालत कर सकते हैं, मोटे ग्रंथ भी लिख सकते हैं। मगर सच्चे संवेदनशील तो वे हैं जो अपनी भावनाओं को परिणत कर सचमुच अभावग्रस्तों के आंसू पोंछते हैं और उनकी कठिनाइयों को दूर करने के लिए कुछ सक्रिय पहल करते हैं। यह मनमौजी बक्कड़ मिजाजी व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि जापान के विश्वविख्यात कवि इगुचि थे।
 


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