भरतपुर जा रहे हैं तो ये मंदिर देखना न भूलें
punjabkesari.in Monday, Oct 22, 2018 - 06:20 PM (IST)
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ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
भरतपुर शहर की बात की जाए तो इसकी स्थापना जाट शासक राजा सूरजमल ने की थी और यह अपने समय में जाटों का गढ़ हुआ करता था। यहां के मंदिर, महल व किले जाटों के कला-कौशल की गवाही देते हैं। राष्ट्रीय उद्यान के अलावा भी देखने के लिए यहां अनेक जगह हैं। इसका नामकरण राम के भाई भरत के नाम पर किया गया है। लक्ष्मण इस राज परिवार के कुलदेव माने गए हैं। इसके पूर्व यह जगह सोगडिया जाट सरदार रुस्तम के अधिकार में थी जिसको महाराजा सूरजमल ने जीता और 1733 में भरतपुर नगर की नींव डाली।
बांके बिहारी मंदिर : बांके बिहारी मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। माना जाता है कि यहां भगवान कृष्ण भक्तों की सभी आकांक्षाओं को पूरा करते हैं। भरतपुर का बांके बिहारी मंदिर भारत के उन मंदिरों में से एक है जहां हमेशा सैंकड़ों लोगों की भीड़ लगी रहती है।
गंगा महारानी मंदिर : यह मंदिर शहर का सबसे सुंदर मंदिर है। वास्तुकला की राजपूत, मुगल और दक्षिण भारतीय शैली का खूबसूरत मिश्रण गंगा महारानी मंदिर का निर्माण भरतपुर के शासक महाराजा बलवंत सिंह ने करवाया था। मंदिर की दीवारों और खम्भों पर की गई बारीक और सुंदर नक्काशी दर्शनीय है। मंदिर को पूरा होने में 11 वर्ष का समय लगा। यहां पूरे देश तथा विदेशों से हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। केवल श्रद्धा की दृष्टि से ही नहीं बल्कि, अपने अद्भुत वास्तुशिल्प के कारण भी यह मंदिर लोगों को आकर्षित करता है। देवी गंगा की मूर्ति के अलावा भरतपुर के इस मंदिर में मगरमच्छ की एक विशाल मूर्ति है, जिन्हें देवी गंगा का वाहन भी माना जाता है। हर साल भक्त हरिद्वार से गंगाजल लाकर देवी के चरणों के पास रखे विशाल रजत पात्र में डालते हैं। माना जाता है कि जब देवी गंगा अपना दिव्य आशीर्वाद इस जल में डालती हैं तब यह जल भक्तों के बीच प्रसाद के रूप में बांट दिया जाता है।
पक्षी विहार एवं केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान : भरतपुर राजस्थान का एक प्रमुख शहर होने के साथ-साथ देश का सबसे प्रसिद्ध पक्षी उद्यान भी हैं। 21 वर्ग कि.मी. में फैला यह उद्यान पक्षी प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। विश्व धरोहर सूची में शामिल यह स्थान प्रवासी पक्षियों का भी बसेरा है। एशिया में पक्षियों के समूह प्रजातियों वाला सर्वश्रेष्ठ उद्यान के लिए प्रसिद्ध हैं। भरतपुर की गर्म जलवायु में सर्दियां बिताने प्रत्येक वर्ष साइबेरिया के दुर्लभ सारस यहां आते हैं। एक समय में भरतपुर के राजकुंवरों की शाही शिकारगाह रहा यह उद्यान विश्व के उत्तम पक्षी विहारों में से एक है, जिसमें पानी वाले पक्षियों की चार सौ से अधिक प्रजातियों की भरमार है। गर्म तापमान में सर्दियां बिताने अफगानिस्तान, मध्य एशिया, तिब्बत से प्रवासी चिडिय़ों की मोहक किस्में तथा आर्कटिक से साइबेरियन, साइबेरिया से भूरे पैरों वाले हंस और चीन से धारीदार सिरवाले हंस जुलाई-अगस्त में आते हैं और अक्तूबर- नवम्बर तक उनका प्रवास काल रहता है। उद्यान के चारों ओर जलकौओं, स्पूनबिल, लकलक बगुलों, जलसिंह इबिस और भूरे बगुलों का समूह देखा जा सकता है।
अन्य आकर्षण : भरतपुर में लक्ष्मण मंदिर, लोहगढ़ किला, किले में स्थित संग्रहालय से कुछ दूर डीग में जल भवन तथा कुछ दूर स्थित डीग में सुंदर जल भवन भी प्रमुख आकर्षणों में शामिल हैं।
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