Diwali: विदेशों में भी मनाई जाती है दीपावली, अंदाज है जरा हट कर

punjabkesari.in Monday, Oct 21, 2024 - 11:10 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Diwali celebration: दीपावली हमारे देश में ही नहीं, विश्व के अन्य देशों में भी मनाई जाती है। अलग-अलग देशों में यह पर्व अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। आइए बात शुरू करते हैं अपने पड़ोसी देश नेपाल से जहां यह पर्व भारत की तरह ही पांच दिन तक चलता है।

PunjabKesari Diwali

नेपाल : नेपाल में यह पर्व ‘तिहार’ के नाम से मनाया जाता है। इसका पहला दिन काक दिवस, दूसरा दिन श्वान दिवस कहा जाता है। इन दिनों कौओं व कुत्तों को विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ देकर जिमाया जाता है। कुत्तों के माथे पर तिलक लगाकर, उनके गले में माला पहनाकर विधि-विधान से पूजा करते हुए उनकी आरती उतारी जाती है।
‘तिहार’ का तीसरा दिन प्रकाश उत्सव होता है। इस दिन लक्ष्मी पूजन, आतिशबाजी व दीपमाला भारत की तरह ही होती है। चौथे दिन यम पूजा व पांचवें दिन भाई दूज मनाई जाती है। 


बर्मा : म्यांमार (बर्मा) में यह पर्व राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाया जाता है। भारत की तरह ही यहां भी भगवान विष्णु-लक्ष्मी का पूजन होता है। लोग नए कपड़े पहन कर नाचते गाते हैं। रात्रि में दीपों की पक्तियां सजाकर रोशनी की जाती है और आतिशबाजी भी चलाई जाती है।


मलेशिया : मलेशिया में घरों की साफ-सफाई करके खूब सजावट की जाती है। मिट्टी के दीपकों को परम्परागत रूप से सजाकर, आतिशबाजी करते हुए दीपोत्सव की खुशियां मनाई जाती है। 


इंगलैंड :  इंगलैंड में ‘गार्ड फास्स डे’ के नाम से दीपावली जैसा ही पर्व मनाया जाता है। इस दिन खूब पटाखे चलाकर धूम-धड़ाका किया जाता है। चन्दन की लकडिय़ां जलाकर रोशनी की जाती है। युवक-युवतियां इसकी परिक्रमा करते हुए खूब नृत्य करते हैं।

PunjabKesari Diwali

फ्रांस : फ्रांस में क्रान्ति दिवस पर दीपोत्सव होता है। घरों को खूब सजाकर रोशनी की जाती है। बच्चे रंगीन रॉकेट छोड़कर खूब जश्न मनाते हैं। सभी लोग खूब आतिशबाजी छोड़ते हुए इसका भरपूर आनन्द लेते हैं।


थाइलैंड : थाइलैंड में इसे ‘लाभ क्रायोंग’ के नाम से इन्हीं दिनों मनाया जाता है। इस पर्व पर केले के पत्तों से विशेष रूप से तैयार दीपक में मोमबत्ती जलाकर उसे नदी में छोड़ा जाता है। सैंकड़ों तैरते दीपक अनोखी छटा बिखेरते हैं। लोग एक-दूसरे को बधाइयां देते हुए मिठाई बांटते हैं। मान्यता है कि नदी में बहाए गए दीपक के साथ ही मनुष्य के पाप भी बह जाते हैं।


मॉरीशस: मॉरीशस में भारत की तरह ही लक्ष्मी पूजन होता है। विभिन्न प्रकार की ज्यॉमितीय आकृतियां घरों पर सजाई जाती हैं और सभी मार्गों को फूलों से सजाया जाता है। खूब आतिशबाजी की जाती है। इत्र व सुगन्धित पुष्पों से मेहमानों की आवभगत कर उन्हें विभिन्न व्यंजन परोसे जाते हैं।


जापान : जापान निवासी लालटेनों के त्यौहार के नाम से यह पर्व मनाते हैं। यह पर्व सितम्बर में होता है। बाग बगीचों में पेड़ों पर लालटेन टांगी जाती है। रंग बिरंगे कंदील लगाए जाते हैं। उस रात घर के दरवाजे बंद नहीं किए जाते। सारी रात नाच गाना चलता रहता है। घने जंगल में पटाखे फोडऩे की परम्परा भी है। अगले दिन जापानी नए वस्त्र पहनकर जल क्रीड़ा करते हैं और नौका विहार का आनन्द लेते हैं।


श्रीलंका : श्रीलंका में दीपावली पर चीनी मिट्टी व मिश्री से बने खिलौनों की विशेष दुकानें सजती हैं। यहां मिश्री को ही मिठाई के रूप में इस्तेमाल करने की परम्परा है। घरों में मिट्टी के दीपक जलाकर रोशनी की जाती है। इस रात सफेद हाथियों को विशेष स्वर्णाभूषणों से सजाकर जुलूस निकाला जाता है जो इस पर्व का एक अभिन्न 
अंग है।

PunjabKesari Diwali
चीन : चीन में यह पर्व मनाने के लिए कई दिन पूर्व घरों की सफाई शुरू कर दी जाती है। मकानों के बाहर लाल कागज से बनी मानव आकृतियां चिपकाई या लटकाई जाती हैं। घरों में रंगीन कागजों से सजावट की जाती है। मान्यता है कि इस तरह से सजावट करने पर वर्ष भर अनिष्ट की आशंका नहीं रहती।


दक्षिण अमरीका : दक्षिण अमरीका में तो इसे राष्ट्रीय वर्ष के रूप में मान्यता प्राप्त है। इस दिन सार्वजनिक अवकाश भी रहता है।


गुयाना : गुयाना में घरों को खूब सजाया जाता है। रंग-बिरंगे गुब्बारे उड़ाते हैं। रात को आतिशबाजी का कार्यक्रम चलता है।


प्रथाएं, परम्पराएं जो भी हों, मुख्य उद्देश्य है अंधकार को हटाकर प्रकाश फैलाना। भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ का सिद्धान्त सम्पूर्ण विश्व में सर्वमान्य है। 

PunjabKesari Diwali


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Related News