Diwali की रात मां लक्ष्मी  के पूजन में रखें इन बातों का खास ख्याल

punjabkesari.in Saturday, Oct 22, 2022 - 06:17 PM (IST)

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हमारी वेबसाइट को रोज़ाना फॉलो करने वाले लोगों को अब तक अच्छी तरह से पता चल गया होगा कि इस बार दिवाली का त्योहार 24 अक्टूबर दिन सोमवार को पड़ रहा है। बता दें प्रत्येक वर्ष ये पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि दिवाली की रात मां लक्ष्मी रात्रि में स्वयं पृथ्वी पर पधारती हैं और घर-घर में विचरण करती हैं। यही वजह है कि दिवाली के दिन घरों में चारों और दीपक प्रज्वलित कर उजाला किया जाता है क्योंकि देवी लक्ष्मी वहीं विराजमान होती हैं जहां स्वच्छता और पूरा घर प्रकाश से जगमगा उठे। इसी के साथ इस दिन मां लक्ष्मी के पूजन का भी विधान है। और बता दें कि इस दिन लक्ष्मी पूजा के कुछ नियम भी बताए गए है। जिसको नजरअंदाज करना व्यक्ति के जीवन पर भारी पड़ सकता है। तो ऐसे में इस आर्टिकल में हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि दीपावली पर मां लक्ष्मी की पूजा करते समय किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। तो आइए जानते हैं- 

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धार्मिक ग्रंथों की मानें तो दीपावली पर मां लक्ष्मी का पूजन उत्तर-पूर्व दिशा में ही करें। पूजा में व्यक्ति का मुख उत्तर दिशा की ओर होना उत्तम माना गया है, क्योंकि यह कुबेर की दिशा मानी गई है। इस दिशा में लक्ष्मी पूजन करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

ज्योतिषियों के मुताबिक देवी लक्ष्मी की पूजा में तुलसी मंजरी का प्रयोग वर्जित माना गया है। इसलिए देवी लक्ष्मी को कुछ भी अर्पित करते समय उसमें तुलसी और तुलसी मंजरी न डालें। ऐसा करने से लक्ष्मी मां रुष्ट हो जाती हैं और आपका पूजा-पाठ निष्फल हो जाता है।

इसके साथ ही दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करते समय उन्हें कोई भी सफेद सामग्री जैसे सफेद फूल या सफेद वस्त्र अर्पित न करें। क्योंकि देवी लक्ष्मी को सफेद फूल चढ़ाना शुभ नहीं माना गया है। इसलिए पूजा करते समय मां लक्ष्मी को केवल लाल और गुलाबी रंग के ही फूल चढ़ाएं। इतना ही नहीं यहां पर भी आप पूजा के लिए देवी की मूर्ति स्थापित करें तो उसके नीचे सफेद रंग का वस्त्र न रखें। साथ ही पूजा करते समय सफेद या काले रंग की किसी भी तरह की वस्तु का इस्तेमाल करने से बचें।
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धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का खास ध्यान रखें। धन की देवी के साथ, कुबेर देव, मां सरस्वती और गणेश जी की पूजा करना न भूलें।

दिवाली पर मां लक्ष्मी की ऐसी तस्वीर स्थापित करें जिसमें गणेश जी दाहिनी और मां सरस्वती बाएं ओर विराजमान हों। जानकारी के लिए बता दें कि दीपावली पर लक्ष्मी मां की ऐसी मूर्ति की पूजा न करें जिसमें वो खड़ी हों। क्योंकि यह मुद्रा देवी के जाने का प्रतीक मानी जाती है।

लक्ष्मी पूजा करते समय कोशिश करें कि दीपक की ज्योत लाल रंग की हो। इसके अलावा दीए को भूलकर भी मां लक्ष्मी के बाईं ओर न रखें, बल्कि दाईं ओर रखें, क्योंकि भगवान विष्णु को दुनिया में रोशनी फैलाने का प्रतीक माना जाता है और मां लक्ष्मी विष्णु भगवान की पत्नी हैं इसलिए मां लक्ष्मी की पूजा करते समय दीए को हमेशा मां के दाईं ओर ही रखें।
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शास्त्रों के अनुसार महालक्ष्मी भगवान विष्णु का साथ कभी नहीं छोड़ती। जहां विष्णु होंगे वहां देवी लक्ष्मी स्वयं आएंगी। देवीभागवत पुराण के अनुसार लक्ष्मी पूजन तभी सफल होता है जब गणेश वंदना के बाद लक्ष्मी-नारायण की आराधना की जाती है। तो ऐसे में इस दिन लक्ष्मी पूजन के दौरान लक्ष्मी-नारायण की आराधना अवश्य करें।
 


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Content Writer

Jyoti

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