Divine Morning Secrets by Swami Premanand Ji Maharaj: स्वामी प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार सुबह के 10 गुप्त सूत्र
punjabkesari.in Friday, Nov 21, 2025 - 11:33 AM (IST)
Divine Morning Secrets by Swami Premanand Ji Maharaj: स्वामी प्रेमानंद जी महाराज के ये सूत्र साधक को आध्यात्मिक, मानसिक और ऊर्जात्मक रूप से तेज़ बनाते हैं। महाराज कहते हैं कि सुबह की आदतें पूरे दिन का चरित्र तय करती हैं।

ब्रह्म मुहूर्त में जागरण — सच्ची साधना का आरंभ
सुबह 4–6 बजे का समय देवताओं का काल है। इस समय उठने से अंतःकरण हल्का और मन आध्यात्मिक ऊर्जा से भर जाता है।
जागते ही ईष्ट-स्मरण — पहला विचार भगवान का हो
आंख खुलते ही राधारानी, श्रीकृष्ण या अपने ईष्ट का स्मरण करें। पहला विचार ही पूरे दिन का रंग तय करता है।
जल-सेवन और शुद्धि — शरीर मंदिर है, पहले उसकी सफाई
उठते ही एक गिलास जल पिएं। महाराज कहते हैं, “जो शरीर की पवित्रता रखता है, वही मन की पवित्रता तक पहुंचता है।”
प्रातः स्नान — ऊर्जा जागरण
सुबह का स्नान केवल शरीर नहीं, ऊर्जा-चक्रों को भी सक्रिय करता है। विशेषकर ठंडे जल की कुछ बूंदें ब्रह्मरंध्र को शुद्ध करती हैं।

सूर्य-अर्घ्य — जीवन में तेज और आत्मविश्वास
उगते सूर्य को अर्घ्य देना जीवन में नई ऊर्जा, आत्मविश्वास, रोग-प्रतिरोध देता है।
मौन साधना — मन को स्वामी बनाओ, दास नहीं
जागने के बाद कम से कम 10–15 मिनट मौन रहें। इससे विचार शांत होते हैं और मन स्थिरता प्राप्त करता है।
मंत्र-जाप — ऊर्जा को आकाश तक पहुंचाने का मार्ग
महाराज के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में किया गया मंत्र जाप सामान्य समय से 11 गुना अधिक फलदायी होता है। जप के लिए: “राधे राधे” “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” “हरे कृष्ण हरे राम” किसी भी मंत्र का चयन कर सकते हैं।

प्राणायाम — भीतर सोई शक्ति को जगाने का साधन
5–7 मिनट गहरी श्वास-विसर्जन करें। यह मन को एकाग्र और शरीर को हल्का करता है।
आत्म-संकल्प — आज का दिन सफल होगा
सुबह दिया गया संकल्प पूरे दिन ऊर्जा को दिशा देता है। कहें, “मेरा आज का दिन ईश्वर की कृपा से शुभ और सफल होगा।”
सेवा-भाव — दिन का पहला फल भगवान को समर्पित
सुबह किसी को शुभकामना देना, पक्षियों को दाना डालना या गरीब को भोजन देना दिवस को पवित्र बना देता है।

