Niti Gyan: विपरीत परिस्थिति में भी गलत व्यवहार न करें

punjabkesari.in Tuesday, Oct 05, 2021 - 12:04 PM (IST)

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एक साधु अपने शिष्य के साथ नदी में स्नान कर रहे थे। तभी एक बिच्छू जल की धारा में बहता हुआ उधर आया और साधु ने उसे पानी से निकालने के लिए अपने हाथ पर लेने की कोशिश की। बिच्छू ने साधु के हाथ पर तेज डंक का प्रहार किया और साधु केे हाथ से छूट कर दूर जाकर गिरा।

तभी साधु ने दोबारा उसे हाथ में लेकर बचाने की कोशिश की पर बिच्छू ने एक बार फिर से तेज डंक का प्रहार किया और साधु के हाथ से छूट कर दूर जाकर गिरा। साधु ने उसे फिर बचाने के लिए हाथ बढ़ाया और बिच्छू ने फिर से डंक मारा और यह क्रम कई बार चला। अंतत: साधु ने बिच्छू को किनारे पर पहुंचा दिया।

एक शिष्य जो यह सारा उपक्रम देख रहा था, बोला, ‘‘महाराज जब यह बिच्छू बार-बार आपको डंक मार रहा था तो फिर आपने उसे इतने डंक खाकर क्यों पानी से बाहर निकाला?’’ साधु बोले, ‘‘बिच्छू का स्वभाव ही डंक मारना होता है और वह अपने स्वभाव को नहीं छोड़ सकता।’’

शिष्य बोला, तो फिर आप तो उसको बचाना छोड़ सकते थे।’’ 

साधु ने कहा, ‘‘जब बिच्छू जैसे प्राणी ने अपना स्वभाव नहीं छोड़ा तो फिर मैं साधु होकर अपना स्वभाव कैसे त्याग देता? कई बार विपरीत स्वभाव के व्यक्तियों से हमारा सामना हो जाता है। उस परिस्थिति में वह व्यक्ति हमारे साथ कैसा भी व्यवहार करे परन्तु हम उसके साथ गलत व्यवहार न करें।’’


 


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Content Writer

Jyoti

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