देवोत्थान एकादशी 2021: इस दिन न करें ये कार्य, प्रभु भक्ति से हो जाएंगे दूर

punjabkesari.in Saturday, Nov 13, 2021 - 03:36 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक वर्ष आषाढ़ शुक्ल की एकादशी पर चार माह के लिए भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैंं और कार्तिक शुक्ल एकादशी पर योगनिद्रा से जाग जाते हैं। ज्योतिष किंवदंतियों के अनुसार इस दिन से तमाम तरह के मांगलिक, शुभ कार्य, विवाह मुंडन आदि के लिए विष्णु जी आज्ञा दे देते हैं अर्थात इस दिन से सारे कार्य शुरू हो जाते है। मान्यता है कि देवउठनी एकादशी रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती ह। बता दें इस बार यह व्रत 14 नंवबर 2021 तथा 15 नवंबर दोनों तिथियों को रखा जाऐगा। 

शुभ मुहूर्त:
देव उठनी एकादशी तिथि प्रारंभ: 14 नवंबर सुबह 5 बजकर 48 मिनट से होगी शुरू
देव उठनी एकादशी तिथि समाप्त: 15 नवंबर सुबह 6 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी
व्रत खोलने का समय: 15 नवंबर दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से 3 बजकर 19 मिनट तक

इसके अलावाजानेें एकादशी पर नहीं करने चाहिए कौन से कार्य- 
एकादशी वाले दिन चावल नहीं खाने चाहिए इसे खाने से व्यक्ति का मन चंचल होता है और प्रभु भक्ति में मन नहीं लगता है। 

पौराणिक कथा के अनुसार माता शक्ति के क्रोध से बचने के लिए महर्षि मेधा ने शरीर का त्याग कर दिया और उनका अंश पृथ्वी में समा गया। चावल और जौं के रुप में महर्षि मेधा उत्पन्न हुऐ इसलिए चावल और जौं को जीव माना जाता है, वैज्ञानिक तथ्य के अनुसार चावल में जीव माना जाता है।

वैज्ञानिक तथ्य के अनुसार चावल में जल की मात्रा अधिक होती है और जल पर चंद्रमा का अधिक प्रभाव पड़ता है।

चावल खाने से शरीर में जल की मात्रा बढ़ती है जिससे मन चंचल हो जाता है इस दिन पेड़ पौधों से पते नहीं तोड़ना चाहिए।

इसके अतिरिक्त बताया जाता है इस दिन व्रत रखने वाले तथा परिवार के अन्य सदस्यों को भी सात्विक और संयमित जीवन बिताना चाहिए।

चूंकि इस दिन श्री हरि विष्णु और सभी देव जाग जाते हैं, इसलिए इस दिन और आने वाले समय में दिन में सोना बंद कर देना चाहिए। ऐसा करने से घर में दुख-दारिद्रय का कारण बनता है।


 


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Content Writer

Jyoti

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