देवउठनी एकादशी 2019ः भूलकर भी न करें इस दिन ये काम वरना...
punjabkesari.in Tuesday, Nov 05, 2019 - 10:59 AM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू पंचांग के अनुसार साल में 24 एकादशी आती हैं और हर एक एकादशी अपने आप में खास होती है। लेकिन कार्तिक माह में पड़ने वाली देवउठनी एकादशी बहुत अधिक महत्व रखती है, क्योंकि इस दौरान भगवान विष्णु अपनी चार माह की योग निद्रा से जागा जाते हैं। बता दें कि देवउठनी एकादशी को देवप्रबोधिनी के नाम से भी जाना जाता है। कहते हैं कि इस दिन के बाद सार मांगलिक कामों की शुरूआत हो जाती है। इस साल ये दिन 8 नवंबर दिन शुक्रवार को पड़ रहा है। इस एकादशी का व्रत करने वाले को मोक्ष की प्राप्ति तो होती ही है, इसके साथ ही व्यक्ति के सार पापों का नाश होता है। जो लोग व्रत नहीं कर सकते, उनके लिए एकादशी के कुछ नियम है जिनकी पालना करके ही वे भगवानकी कृपा को पा सकते हैं।
शास्त्रों में बताया है कि देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु नींद से जागते हैं जिसकी खुशी और स्वागत में सभी देवी-देवता दीपउत्सव मनाते हैं। इसलिए इस दिन भगवान की विशेष कृपा को पाने के लिए अपने घर पर दीपक जरूर जलाएं।
इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप और तुलसी जी का विवाह होता है। इस दिन तुलसी पूजन का विशेष महत्व होता है। शास्त्रों में पूरे विधि-विधान के साथ तुलसी विवाह करने की परंपरा बताई है।
शास्त्रों में सभी 24 एकादशियों में चावल खाने को वर्जित बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि एकादशी के दिन चावल खाने से मनुष्य रेंगने वाले जीव की योनि में जन्म लेता है इसलिए इस दिन भूलकर भी चावल का सेवन न करें।
एकादशी के वाले दिन हर व्यक्ति को भगवान विष्णु की आराधना और उनके प्रति समर्पण के भाव को दिखाता है। इस दिन खान-पान और व्यवहार में संयम और सात्विकता का पालन करना चाहिए।
इस दिन हर व्यक्ति को अपने आप पर संयम रखना चाहिए। यानि कि पति-पत्नी को ब्रह्राचार्य का पालन करना चाहिए इसलिए इस दिन शारीरिक संबंध नहीं बनना चाहिए। इसके साथ ही घर पर किसी भी बात को लेकर लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए।
एकादशी का दिन भगवान की आराधना का दिन होता है इसलिए इस दिन सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए और शाम के वक्त सोना भी नहीं चाहिए। इसके अलावा इस दिन न तो क्रोध करना चाहिए और न ही झूठ बोलना चाहिए।