Dev Deepawali 2025: देव दीपावली पर काशी क्यों होती है स्वर्ग समान ? जानिए इसकी पौराणिक मान्यता
punjabkesari.in Wednesday, Nov 05, 2025 - 05:00 AM (IST)
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Dev Deepawali 2025: देव दिवाली यानि की देवताओं का धरती पर आगमान। यह दिन सबसे खास और विशेष माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन स्वर्ग लोक के सारे देवी-देवता बनारस में दिवाली मनाने आते हैं, इस वजह से इसे देवों की दिवाली कहते हैं। देश-विदेश के लोगों की नजर इस दिन कशी पर होती हैं क्योंकि इस दिन यहां का दृश्य किसी स्वर्ग से कम नहीं होता। वैसे तो आज-कल बहुत सी जगहों पर देव दिवाली मनाई जाती है लेकिन काशी की दिवाली शब्दों से बयां करना बहुत मुश्किल है। इस दिन काशी का घाट लाखों दियों से जगमगा रहा होता है। इस वर्ष 2025 में देव दिवाली 5 नवंबर को मनाई जाएगी। तो चलिए अब जानते हैं क्यों मनाई जाती है देव दिवाली और काशी से इसका क्या संबंध है।

Why is Dev Diwali celebrated क्यों मनाते हैं देव दीपावली ?
जिस तरह दिवाली का त्यौहार श्री राम से जुड़ा है उसी तरह देव दिवाली का पर्व भगवान शिव से संबंध रखता है। इसे देवताओं की दिवाली भी कहते हैं। पौराणिक कथाओंके अनुसार इस दिन ही महादेव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था। तभी सभी देवताओं ने खुश होकर दीपक प्रज्वलित किये थे। तभ से ही यही परम्परा चली आ रही है।

Dev Diwali relation with Kashi देव दिवाली का काशी से रिश्ता
उत्तर प्रदेश में स्थित काशी भगवान शिव के त्रिशूल पर टिकी है और महादेव मां गौरी के साथ यही रखते हैं। जिस समय त्रिपुरासुर ने अपने आतंक से सभी देवी-देवताओं को परेशान कर दिया था। तब सारे देवता मिलकर काशी ही भगवान शिव से मदद मांगने आये थे। वध के बाद इसी स्थान पर सबने खुश होकर गंगा स्नान किया और घाट पर दिए जलाएं। उत्तर प्रदेश में इस पर्व को बेहद ही धूमधाम से मनाया जाता है, खास तौर पर काशी में जिसे बनारस भी कहते हैं।
When is Dev Diwali celebrated कब मनाई जाती है देव दीपावली?
दिवाली पर 15 दिन बाद देव दिवाली मनाई जाती है। कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को यह पर्व मनाने का विधान है।

