Tension free life के लिए कुछ इस तरह सजाएं अपनी रसोई
punjabkesari.in Saturday, Nov 23, 2019 - 03:02 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
रसोई घर में सबसे महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि उसका प्रत्यक्ष संबंध हमारे स्वास्थ्य से है। वास्तु के नियमों के आधार पर रसोई घर का निर्माण करना चाहिए। हमारा शरीर भूमि, जल, अग्नि, वायु एवं आकाश इन पंच तत्वों से बना है इसलिए इन पांचों से हमारा गहरा संबंध है। रसोई घर में भी इन तत्वों का मेल अत्यावश्यक है। वास्तु-नियम के हिसाब से रसोई घर की दिशा दक्षिण-पूर्व में सबसे बढ़िया मानी गई है। सूर्य अग्नि के स्वामी हैं। सुबह सूर्य की किरणों का रसोई घर में प्रवेश करना अति शुभकारी है। इसका गृहिणी के मन और मस्तिष्क पर सीधा प्रभाव पड़ता है, वह स्वयं को प्रफुल्लित अनुभव करती है क्योंकि जीवन से परिपूर्ण ऊर्जा उसे प्राप्त होती रहती है।
मुख्य भोजन बनाने का प्लेटफार्म पूर्वी दीवार पर बनाएं एवं गैस दक्षिण-पूर्वी कोण पर रखें। भोजन बनाते समय मुख पूर्व की ओर होना चाहिए। भोजन पकाने का स्थान फर्श या प्लेटफार्म जमीन से ऊंचा एवं गृहिणी की सुविधानुसार होना चाहिए जिससे वह गंदे पानी के या गंदे पैरों के प्रभाव से मुक्त रहे।
जल और अग्नि दो विपरीत ऊर्जा शक्ति हैं। दोनों ऊर्जाएं एक-दूसरे को नष्ट करती हैं जिसका प्रभाव गृहिणी पर पड़ता है। अत: अग्निकोण में जल भंडारण नहीं बनाएं। पानी की सिंक अग्नि के स्थान से 90 के कोण पर उत्तर पूर्व की ओर हो। फ्रिज या वाशिंग मशीन चूल्हे के सामने नहीं बल्कि सिंक के पास रखने की व्यवस्था करें। पीने का पानी उत्तर-पूर्व अथवा उत्तर दिशा में रखें।
प्लेटफार्म के नीचे से सीवर लाइन नहीं निकालें। रसोई का चूल्हा शौच के स्थान के पीछे नहीं रखा जाए। रसोई घर शौचालय के ऊपर या नीचे नहीं बनाना चाहिए। रसोई घर में प्रकाश एवं हवा के लिए खिड़की या रोशनदान की व्यवस्था पूर्व अथवा उत्तरी दिशा में रखनी चाहिए। उसके सामने पश्चिम या दक्षिण में एक छोटी खिड़की हो सकती है।
दाल, चावल, आटा, मसालों आदि की अलमारी या रैक दक्षिणी दीवार की ओर हो परंतु स्थान कम होने पर पश्चिम की ओर भी रखे जा सकते हैं पर पूर्व-उत्तर दिशा में नहीं रखें।
रसोई घर में भोजन की मेज पश्चिम या उत्तर-पश्चिम की दीवार के पास रखें। रसोई घर स्नानघर या शौचालय से लगा हुआ नहीं बनाना चाहिए। न ही इनका द्वारा रसोई घर के सामने हो।
झाड़ू रसोई घर में नहीं रखें। यदि रखें भी तो उत्तर-पश्चिम दिशा में। रसोईघर की दीवारों का रंग सफेद, पीला, गुलाबी या कोई हल्का रंग करना उचित है। सफेद रंग पवित्रता का सूचक है।
रसोई के पानी की निकास व्यवस्था उत्तर-पूर्व की ओर अधिक शुभ मानी जाती है। अवन, मिक्सर ग्राइंडर इत्यादि रसोई घर में दक्षिण की ओर रखना चाहिए। रसोई कक्ष में रंग-बिरंगे, सुंदर पात्र एवं वस्तुएं मन को तरोताजा करती हैं। पूर्वी दीवार पर दर्पण लगाना भी शुभकारी है। रसोई घर का द्वार दक्षिण दिशा के अतिरिक्त किसी भी दिशा में रखना उचित है।