कार्तिक मास में दामोदर अष्टकम का पाठ करने से मिलेगा ये चमत्कारी फल

punjabkesari.in Friday, Oct 11, 2019 - 09:24 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
भगवान विष्णु का प्रिय माह कार्तिक शुरू हो चुका है, यानि कि जो वैष्णव गण होते हैं, उनके लिए कार्तिक एकादशी से ही आरंभ हो गता था। लेकिन ज्यादातर लोग इसे पूर्णिमा पर ही शुरू करते हैं। कहते हैं कि इस दौरान हर व्यक्ति को खूब भजन करना चाहिए। क्योंकि इस दौरान किया गया पूजा-पाठ दौगुना फल प्रदान करता है। शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि इस दौरान दामोदर अष्टकम का पाठ करने से भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ ही हर रोज़ तुलसी जी के समक्ष दीप दान भी जरूर करना चाहिए। भगवान की कृपा पाने के लिए आज हम आपको दामोदर अष्टकम के पाठ के बारे में बताने जा रहे हैं। 
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श्री श्री दामोदराष्टकं
नमामीश्वरं सच्-चिद्-आनन्द-रूपं
लसत्-कुण्डलं गोकुले भ्राजमनम्यशोदा-भियोलूखलाद् धावमानं
परामृष्टम् अत्यन्ततो द्रुत्य गोप्या ॥ १॥

रुदन्तं मुहुर् नेत्र-युग्मं मृजन्तम्कराम्भोज-युग्मेन सातङ्क-नेत्रम
मुहुः श्वास-कम्प-त्रिरेखाङ्क-कण्ठस्थित-ग्रैवं दामोदरं भक्ति-बद्धम् ॥ २॥

इतीदृक् स्व-लीलाभिर् आनन्द-कुण्डेस्व-घोषं निमज्जन्तम् आख्यापयन्तम
तदीयेषित-ज्ञेषु भक्तैर् जितत्वंपुनः प्रेमतस् तं शतावृत्ति वन्दे ॥ ३॥
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वरं देव मोक्षं न मोक्षावधिं वान
चन्यं वृणे ‘हं वरेषाद् अपीह
इदं ते वपुर् नाथ गोपाल-बालं
सदा मे मनस्य् आविरास्तां किम् अन्यैः ॥ ४॥

इदं ते मुखाम्भोजम् अत्यन्त-नीलै
र्वृतं कुन्तलैः स्निग्ध-रक्तैश् च गोप्या
मुहुश् चुम्बितं बिम्ब-रक्ताधरं
मेमनस्य् आविरास्ताम् अलं लक्ष-लाभैः ॥ ५॥

नमो देव दामोदरानन्त विष्णो
प्रसीद प्रभो दुःख-जालाब्धि-मग्न
म्कृपा-दृष्टि-वृष्ट्याति-दीनं बतानुगृहाणेष
माम् अज्ञम् एध्य् अक्षि-दृश्यः ॥ ६॥

कुवेरात्मजौ बद्ध-मूर्त्यैव यद्वत्त्वया
मोचितौ भक्ति-भाजौ कृतौ चतथा
प्रेम-भक्तिं स्वकां मे प्रयच्छन मोक्षे ग्रहो मे ‘स्ति दामोदरेह ॥ ७॥
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नमस् ते ‘स्तु दाम्ने स्फुरद्-दीप्ति-धाम्नेत्वदीयोदरायाथ
विश्वस्य धाम्नेनमो राधिकायै त्वदीय-प्रियायैनमो ‘नन्त-लीलाय देवाय तुभ्यम् ॥ ८॥


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