सोम प्रदोष व्रत: इन मंत्रों का जप करने से प्रसन्न होंगे भोलेनाथ, अधूरी इच्छाएं होंगी पूरी
punjabkesari.in Monday, Jul 11, 2022 - 09:42 AM (IST)

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11 जुलाई को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को सोम प्रदोष व्रत पड़ रहा है। माना जा रहा है इस बार का प्रदोष व्रत अत्यंत शुभकारी व लाभकारी है, क्योंकि इस दौरान एक साथ 4 शुभ योग बन रहे हैं। ऐसे में हम आपको इन शुभ योग के समय व शुभ मुहूर्त के बारे में जानकारी दे चुके हैं। जिसके बाद आगे हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस दिन कौन से मंत्रों का जप करना चाहिए। बता दें धार्मिक ग्रंथों में वर्णन किया गया है कि प्रदोष व्रत, शव जो प्रसन्न करने व शुभ लाभ पाने के लिए अत्यंत खास होता है, तो वहीं अगर बात करें सोम प्रदोष व्रत की तो क्योंकि सोमवार का दिन पहले से भगवान शिव को समर्पित है, इस पर अगर प्रदोष व्रत सोमवार के दिन पड़ जाए तो ये व्रत और भी खास हो जाता है। तो अगर आप भी शिव जी कृपा पाना चाहते हैं तो इस बार सोम प्रदोष व्रत के दिन निम्न दिए गए मंत्रों का उच्चारण जरूर करें। कहा जाता है इससे न केवल शिव जी की कृपा प्राप्त होती है बल्कि व्यक्ति को अपने जीवन की कई समस्याओं से राहत मिलती है साथ ही साथ अगर कोई व्यक्ति किसी गंभीर रोग से जूझ रहा हो तो उस उससे भी राहत मिलती है। तो आइए और देर न करते हुए जानते हैं शिव जी के कुछ ऐसे मंत्र जिनका प्रदोष व्रत के दिन जप करना बेहद लाभकारी साबितहो सकता है।
कहा जाता है यूं तो भगवान शिव बहुत भोले हैं वे अपने भक्तों की सच्ची व श्रद्धापूर्ण भक्ति से ही प्रसन्न हो जाते हैं, पर कहते हैं कि अगर सोम प्रदोष व्रत के दिन कुछ विशेष मंत्रों का उच्चारण कर लिया जाए तो इंसान की समस्त परेशानियां दूर हो जाती हैं तथा भोलेनाथ का प्यार प्राप्त होता है।
सबसे पहले आपको बताते हैं कि आर्थिक तंगी से मुक्ति पाने के लिए कौन से मंत्रों का जप करना चाहिए-
ॐ वरुणस्योत्तम्भनमसि वरुणस्य सकम्भ सर्ज्जनीस्थो|
वरुणस्य ऋतसदन्यसि वरुणस्य ऋतसदनमसि वरुणस्य ऋतसदनमासीद्|
हेल्थ में सुधारे के लिए-
ॐ ब्रह्म ज्ज्ञानप्रथमं पुरस्ताद्विसीमतः सुरुचो वेन आवः,
स बुध्न्या उपमा अस्य विष्ठाः सतश्च योनिमसतश्च विवः
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सफलता पाने के लिए-
ॐ नमः श्वभ्यः श्वपतिभ्यश्च वो नमो नमो भवाय
च रुद्राय च नमः.शर्वाय च पशुपतये च नमो
नीलग्रीवाय च शितिकण्ठाय च
कलह- क्लेश से मुक्ति के लिए-
ॐ नमः पार्याय चावार्याय च नमः
प्रतरणाय चोत्तरणाय च, नमस्तीर्थ्याय च कूल्याय च नमः
शष्प्याय च फेन्याय च
कुश के आसन पर बैठ कर ॐ नमः शिवाय मंत्र बोलते हुए शिव जी को जल अर्पित करें।
इसके अतिरिक्त दोनों हाथ जोड़कर शिवजी का ध्यान कर लें। मन ही मन अपने जीवन के संकटों के नाश और धन धान्य की प्राप्ति के लिए शिव जी से प्रार्थना करें। खास ख्याल रखें कि इस दिन प्रदोष व्रत की कथा सुने अथवा पढ़ें जरूर।
कथा समाप्ति के बाद हवन सामग्री मिलाकर 11 या 21 या 108 बार ॐ ह्रीं क्लीं नमः शिवाय स्वाहा मंत्र से आहुति दें। आखिर में शिव जी की आरती करके, प्रसाद वितरित करें।