Inspirational Story: ‘आजाद’ नहीं चाहते थे कि कोई उनकी जीवनी लिखे

punjabkesari.in Thursday, May 19, 2022 - 10:05 AM (IST)

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Inspirational Story:  महान देशभक्त चंद्रशेखर आजाद अपने दल के पैसे का हिसाब स्वयं संभालते थे। एक पैसे का अपव्यय भी उनके लिए बर्दाश्त से बाहर था। सांडर्स हत्याकांड के कुछ दिन पहले दल के बहुत से सदस्य लाहौर में थे। पैसे की कमी के कारण दल के हर सदस्य को भोजन के लिए 4 आने देते थे। एक दिन उन्होंने एक सदस्य को 4 आने दिए तो उसने भोजन के बजाय सिनेमा देखने में वे पैसे खर्च कर दिए। 

PunjabKesari Chandra Shekhar Azad

सिनेमा देखने और भोजन न करने की बात ईमानदारी से उसने चंद्रशेखर को बता दी। उन्होंने उसे खूब डांटा।

उनका कहना था कि इस तरह का दुर्व्यसन क्रांतिकारियों के लिए प्राणघातक है। दल के किसी सदस्य को ऐसे कार्यों की अनुमति नहीं दी जा सकती।

तब उस सदस्य ने बताया कि वह फिल्म अमरीका के स्वाधीनता संग्राम के विषय में थी। यह सुन कर आजाद थोड़े नरम पड़े और उसे एक चवन्नी और देते हुए कहा, ‘‘जाओ और खाना खाकर आओ।’’

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आजाद में किसी तरह का स्वार्थ अथवा व्यक्ति पूजा का भाव नहीं था।

एक बार भगत सिंह ने उनसे कहा, ‘‘पंडित जी आप हमें अपने माता-पिता तथा जन्म स्थान के बारे में बताएं ताकि हम देशवासियों को बता सकें कि वे कहां पैदा हुए थे।’’

यह सुनते ही नाराज आजाद ने पूछा, ‘‘तुम्हारा संंबंध मुझसे है या मेरे रिश्तेदारों से? मैं नहीं चाहता कि मेरी कोई जीवनी लिखी जाए।’’

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Content Writer

Niyati Bhandari

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