चन्द्र दर्शन: खोई हुई Power और Position को प्राप्त करना है तो आज ये करना न भूलें

punjabkesari.in Friday, Apr 24, 2020 - 06:58 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Chandra darshan 2020: अमावस्या से अगली तिथि पर जब दूसरा दिवस उदय होता है तो उसे चन्द्र दर्शन का दिन कहते हैं। धार्मिक दृष्टिकोण से इस दिन का अपना अलग ही महत्व है। इस रोज़ व्रत रखने का विधान है। शाम को चन्द्र दर्शन करके उन्हें अर्घ्य देकर पूजा करने के उपरांत भोजन ग्रहण किया जाता है।

PunjabKesari Chandra darshan 2020

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस दिन चन्द्र दर्शन का दिन होता है, उस दिन उसकी गणना चुनौतीपूर्ण होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस रोज़ सूर्यास्त के तुरंत बाद चन्द्र देव कुछ पलों के लिए ही दर्शन देते हैं। दरअसल जिस दिन चन्द्र दर्शन की तिथि होती है तब चन्द्रमा और सूर्य दोनों बराबर ऊंचाई पर अवस्थित होते हैं। सूर्य देव के प्रकाश में चन्द्र देव का दर्शन नहीं हो पाता। जब सूर्यास्त होता है तो चन्द्र देव के भी अस्त होने का समय हो जाता है। अत: चन्द्रमा का दर्शन दुर्लभ हो जाता है।

PunjabKesari Chandra darshan 2020

जिस किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो, प्रतिकूल या शत्रु राशि में हो अथवा चौथे, आठवें या द्वादश भाव में हो तो वह अपना शुभ प्रभाव खो देता है। इससे बचने के लिए लाल किताब में कुछ उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से चंद्रमा की अनुकूलता प्राप्त की जा सकती है। उपाय करने से पहले किसी पंडित या ज्योतिषी की सलाह लें। उपाय निम्र प्रकार हैं-

PunjabKesari Chandra darshan 2020

मिट्टी के पात्र में दूध भर कर रखें।
अपने घर में स्वच्छ जल का अभाव नहीं होने दें।
रात्रि के समय दूध नहीं पीएं।
चारपाई/पलंग के पायों के नीचे तांबे की कील लगवाएं।
घर की बुजुर्ग महिला का आशीर्वाद लें।    
चंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए ऊं सों सोमाय नम: मंत्र का जाप करें।

 

 

 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News