Chanakya Niti: घर में शांति और समृद्धि चाहिए तो अपनाएं चाणक्य की ये 3 दिव्य teachings

punjabkesari.in Wednesday, Nov 05, 2025 - 03:19 PM (IST)

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Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में जीवन को सुचारू और सुखमय बनाने के कई नियम बताए हैं। उनका कहना है कि घर केवल दीवारों से नहीं बनता, बल्कि उसमें रहने वाले लोगों के व्यवहार और वातावरण से बनता है। यदि परिवार कुछ विशेष गुणों को अपनाता है, तो घर किसी स्वर्ग से कम नहीं होता। ऐसे घरों में न सिर्फ सुख-समृद्धि रहती है, बल्कि माता लक्ष्मी की भी विशेष कृपा बनी रहती है। तो आइए जानते हैं, वे तीन गुण, जो घर में खुशहाली और शांति कायम रखते हैं।

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घर का वातावरण शांत और सकारात्मक होना
चाणक्य कहते हैं कि जिस घर में शांति रहती है, वहां हर काम बिना तनाव के आगे बढ़ता है। जिस घर में परिवार के लोग एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा नहीं करते और घर में रोना-धोना, कटु शब्द और गुस्सा कम होता है। ऐसे घर में लक्ष्मी स्वयं निवास करती हैं क्योंकि शांत वातावरण ही सौभाग्य को आकर्षित करता है।

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घर में स्वच्छता और पवित्रता
स्वच्छ घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह रहता है। चाणक्य के अनुसार, जिस घर में सफाई नियमित होती है। वस्तुएं अपनी जगह पर होती हैं और मुख्य द्वार और पूजा स्थान हमेशा स्वच्छ और सुगंधित रहता है। वहां नकारात्मक शक्तियां प्रवेश नहीं कर पातीं। चाणक्य का स्पष्ट मानना था कि गंदगी दरिद्रता को बुलाती है, और साफ-सफाई लक्ष्मी को आमंत्रित करती है।

घर की रसोई में सत्संग और सात्विक भोजन
रसोई घर का हृदय माना गया है। आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिस घर में भोजन प्रेम से बनाया और परोसा जाता है और भोजन की थाली में शुद्धता और नम्रता होती है। साथ ही घर में भोजन करते समय मन शांति में मिलती है। जब भोजन सात्विक होता है, तो दिमाग शांत और विचार सकारात्मक रहते हैं। ऐसे घर में देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है।

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Content Editor

Sarita Thapa

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