Chanakya Niti: जिन व्यक्तियों में होती है ये खूबी, दुःख सदैव रहता है उनसे दूर

punjabkesari.in Sunday, Jan 14, 2024 - 08:01 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को अर्थशास्त्र और नीतिशास्त्र का जनक कहा जाता है। चाणक्य की लिखी हुई बातें हमारे जीवन को बेहतर बनाने का काम करती हैं। इनको अपनाने के बाद व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता की बढ़ोतरी होती है और हर कार्य में सफलता भी प्राप्त होती है। आचार्य कहते हैं कि जो व्यक्ति मूर्ख होता है उसे अपने जीवन में सदैव दुःख का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा जो राजा धर्म-कर्म का काम करता है उसकी प्रजा भी हमेशा खुशहाल बनी रहती है।

PunjabKesari Chanakya Niti

न संसारभयं ज्ञानवताम्।
भावार्थ : सांसारिक दुखों और कठिनाइयों से उसे ही दुख होता है जो मूर्ख है, जिसे संसार की निस्सारता का ज्ञान नहीं है। ज्ञानी व्यक्ति इनसे जरा भी दुखी नहीं होता। ज्ञानी पुरुषों को संसार का भय नहीं। ज्ञानी व्यक्ति व्यर्थ की बातों पर ध्यान न देकर सिर्फ अपने काम से मतलब रखता है। बेवजह की बातों से बस दुखों में ही बढ़ोतरी होती है।

PunjabKesari Chanakya Niti

सुख का आधार है ‘धर्म’

सुखस्य मूलं धर्म:।
भावार्थ : जो राजा धर्म में आस्था रखता है, वही देश के जनमानस को सुख पहुंचा सकता है। सद्विचार और सद् आचरण को धर्म कहा गया है। एक राजा यदि अपने देश को खुश रखना चाहता है तो उसे धर्म-कर्म के काम करने से पीछे नहीं हटना चाहिए। धर्म को ही सुख का आधार बताया गया है। चाणक्य नीति के अनुसार धर्म मनुष्य की विशेष प्रवृत्ति है जो पशुओं में नहीं होती है।

PunjabKesari Chanakya Niti


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Prachi Sharma

Related News