चैत्र नवरात्रि: राशि अनुसार कर लें ये काम, होगी हर इच्छा पूरी

punjabkesari.in Friday, Apr 12, 2019 - 01:44 PM (IST)

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जैसे कि सब जानते हैं आज सांतवां नवरात्रि है। इस बार की चैत्र नवरात्रि की अष्मी और नवमी एक ही दिन मनाई जाएगी। आप में से लगभग लोगों ने इन दिनों में मां को प्रसन्न करने के लिए पूजन-अर्चन किया होगा। परंतु कुछ लोग ऐसे भी होंगे जो चाहकर भी मां के पावन दिनों में उनको प्रसन्न करने के लिए कुछ नहीं पाए होंगे। तो आज हम अपने इस आर्टिकल के माध्यम से उन्हीं निराश लोगों को कुछ ऐसा बताएंगे, जिसे उन्हें एक ही दिन में नवरात्रि के पूरे नौ दिन की पूजा का फल मिल सकता है।

यहां जानें राशि अनुसार किए जाने वाले उपाय-

मेष- इस नवरात्र जीवन प्रबंधन में स्थिरता लाने के लिए देवी दुर्गा के शैलपुत्री रूप की लाल पुष्प से पूजा करें।
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वृष- इस राशि के जातक महागौरी के स्वरूप की उपासना करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। इसके अलावा ललिता सहस्र नाम का पाठ करें। मान्यता है कि अविवाहित कन्याओं को इनकी आराधना से उत्तम वर की प्राप्ति होती है।

मिथुन- मिथुन राशि वाले लोग घर के पूजा स्थल में देवी यंत्र स्थापित करके ब्रह्मचारिणी की उपासना करें और तारा कवच का रोज़ पाठ करें। मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान की प्रदाता कहा गया है।

कर्क- इस राशि के लोगों के लिए मां शैलपुत्री की पूजा-उपासना करनी लाभदायक होती हैं। इसके अलावा लक्ष्मी सहस्रनाम का पाठ करने से इस राशि के जातकों के जीवन की पैसों से संबंधी हर परेशानी का अंत होगा।

सिंह- सिंह राशि वाले मां कूष्मांडा की साधना करें। इसके अलावा दुर्गा मंत्रों का जप भी लाभदायक शुभ हो सकती है।
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कन्या- कन्या राशि वाले देवी ब्रह्मचारिणी का पूजन करें और लक्ष्मी मंत्रों का जप करें। विद्यार्थियों के लिए देवी की साधना फलदाई मानी गई है।

तुला- महागौरी की पूजा-आराधना करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। इसके साथ काली चालीसा या सप्तशती के प्रथम चरित्र का पाठ करने से अवविवाहित कन्याओं को सुंदर वर की प्राप्ति होती है।

वृश्चिक- वृश्चिक राशि वाले स्कंदमाता की उपासना के साथ-साथ दुर्गा सप्तशती का पाठ करें, श्रेष्ठ फल प्रदान होंगे।
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धनु- धनु राशि वाले मां चंद्रघंटा की उपासना करें। साथ ही इनसे संबंधित मंत्रों का यथाविधि अनुष्ठान करें।

मकर- मकर राशि वालों के लिए कालरात्रि की पूजा सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। इसके साथ ही नर्वाण मंत्र का जप करें।

कुंभ- मकर राशि वालों की तरह ही कुंभ वाले भी कालरात्रि की उपासना करें। देवी कवच का पाठ करें। मान्यता है कि मां कालरात्रि अंधकार में भक्तों का मार्गदर्शन और प्राकृतिक प्रकोपों का शमन करती हैं ।
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मीन- इस राशि के जातकों को चंद्रघंटा की उपासना करनी चाहिए। हरिद्रा (हल्दी) की माला से यथासंभव बगलामुखी मंत्र का जप करें।


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Jyoti

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