Brahma Kumari Ashram: ब्रह्माकुमारी आश्रम में आत्महत्या करने वाली बहनों ने 8 साल पहले ली थी दीक्षा

punjabkesari.in Tuesday, Nov 14, 2023 - 08:47 AM (IST)

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आगरा (इंट.): तांतपुर निवासी अशोक कुमार सिंघल की 2 बेटियों एकता और शिखा ने 8 साल पहले माउंट आबू में दीक्षा ग्रहण की थी। उनको कस्बे में ही ब्रह्माकुमारी सेंटर बनवाने का जिम्मा सौंपा गया था। बहनों ने सैंटर बनवाने के लिए काफी मेहनत की थी। तांतपुर की एकता (38) और शिखा (32) ने सुसाइड नोट में अपना दर्द बयां किया है। उन्होंने नीरज, उसके पिता ताराचंद, गुड्डन और ग्वालियर की महिला पर आरोप लगाया है। एकता के नाम से मिले 3 पेज के सुसाइड नोट की शुरूआत प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से निवेदन करते हुए की गई है।

उत्तर प्रदेश के आगरा में ब्रह्माकुमारी संस्था की 2 सगी बहनों के आत्महत्या मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस एक चौथे आरोपी की तलाश कर रही है। इसके लिए पुलिस की एक टीम को माउंटआबू भी भेजा गया है। बताया गया कि चारों ही आरोपी दूसरे शहरों के रहने वाले हैं। आगरा पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, मामले में गुड्डन, ताराचंद और पूनम को गिरफ्तार किया गया है। ताराचंद के बेटे नीरज की तलाश की जा रही है। दोनों बहनों ने आत्महत्या से पहले लिखे अपने नोट में इन्हीं 4 लोगों पर आरोप लगाए थे।

बहनों ने सुसाइड नोट में लिखा है कि केंद्र में साथ रहने वाले नीरज और ब्रह्माकुमारी, अन्य बहनों को धोखा देकर करीब एक वर्ष पहले 25 लाख रुपए लेकर चले गए थे। इस धन राशि को अपने व्यक्तिगत स्वार्थ में खर्च कर ग्वालियर में एक फ्लैट ले लिया। अन्य अनैतिक गतिविधियों के आरोप भी लगाए गए हैं।
बता दें कि आगरा में आध्यात्मिक संस्था ब्रह्माकुमारी के आश्रम में रहने वाली 2 सगी बहनों ने शनिवार को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। दोनों के शव अलग-अलग फंदों से लटके मिले थे। सुसाइड नोट में आश्रम से जुड़े 3 लोगों और एक महिला पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। इसमें रुपए हड़पने से लेकर अन्य अनैतिक गतिविधियों के आरोप लगाए गए हैं।

सुसाइड नोट के तथ्यों के आधार पर पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस उपायुक्त सोनम कुमार ने कहा कि सुसाइड नोट और परिजन की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

अब तक की जांच में 25 लाख रुपए की धोखाधड़ी की बात आई सामने
अभी तक की जांच में आत्महत्या के पीछे उत्पीड़न और 25 लाख रुपए की धोखाधड़ी की बात सामने आई है। रूपवास, भरतपुर का रहने वाला नीरज करीब 20 साल से एकता व शिखा के साथ जगनेर के केंद्र में रह रहा था। जगनेर में ब्रह्माकुमारी प्रजापिता केंद्र का निर्माण पूरा होने पर उसने यहीं रहने की बात कही थी। इस पर एकता और शिखा को उनके पिता ने जमीन बेचकर 7 लाख रुपए ब्रह्माकुमारी प्रजापिता केंद्र बनवाने में सहयोग के लिए दिए थे, जबकि 18 लाख रुपए दोनों बहनों ने दानदाताओं से जुटाए थे।


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Content Editor

Prachi Sharma

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