क्या है भूत शुद्धि विवाह? सामंथा की शादी ने बढ़ाई लोगों की जिज्ञासा
punjabkesari.in Wednesday, Dec 03, 2025 - 02:39 PM (IST)
Bhoot Shuddhi Marriage: भारतीय संस्कृति और परंपराओं में विवाह के कई अनोखे रूप देखने को मिलते हैं। साउथ फिल्म इंडस्ट्री की मशहूर अदाकारा सामंथा रुथ प्रभु ने निर्देशक राज निदिमोरु से जिस विशेष परंपरा से शादी की उसे भूत शुद्धि विवाह के नाम से जाना जाता है। यह परंपरा मुख्य रूप से किसी व्यक्ति के जीवन में आई बाधाओं, दोषों या नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए की जाती है, ताकि उनका वैवाहिक जीवन सुखद और दोषमुक्त हो सके।
क्या है भूत शुद्धि विवाह का अर्थ?
भूत शुद्धि का शाब्दिक अर्थ होता है तत्वों का शुद्धिकरण। हिंदू दर्शन के अनुसार, हमारा शरीर और ब्रह्मांड जिन पंच तत्वों से बना है, यह अनुष्ठान उन्हीं तत्वों को शुद्ध करने पर केंद्रित होता है। इस अनुष्ठान का मुख्य उद्देश्य भावी वैवाहिक जीवन से जुड़े सभी दोषों, नकारात्मक ऊर्जाओं और ग्रहों के अशुभ प्रभावों को दूर करना होता है। यह माना जाता है कि ऐसा करने से दंपति का जीवन सुखद और बाधा मुक्त रहता है।
भूत शुद्धि विवाह एक प्रतीकात्मक या अनुष्ठानिक विवाह होता है। इसमें व्यक्ति अपने वास्तविक साथी से शादी करने से पहले किसी निर्जीव वस्तु जैसे केले के पेड़ या मिट्टी के घड़े से सांकेतिक रूप से विवाह करता है। यह माना जाता है कि वह निर्जीव वस्तु व्यक्ति के जीवन के सभी दोषों को अपने ऊपर ले लेती है। अनुष्ठान पूरा होने के बाद, व्यक्ति जब अपने वास्तविक साथी से विवाह करता है, तो उनका रिश्ता दोष-मुक्त और शुभ माना जाता है।
