Bhishma Ashtami: भीष्म अष्टमी पर करें पितरों को प्रसन्न और पाएं मुंह मांगा फल

punjabkesari.in Sunday, Feb 02, 2025 - 02:03 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Bhishma Ashtami 2025: भीष्म अष्टमी एक विशेष हिंदू पर्व है, जो महाभारत के महान पात्र भीष्म पितामह के सम्मान में मनाया जाता है। यह दिन मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप के कुछ हिस्सों में विशेष रूप से उत्तर भारत और महाराष्ट्र में मनाया जाता है और इसे पितृ पक्ष के अंतर्गत भी माना जाता है। यह दिन विशेष रूप से उनके जीवन के बलिदान, उनके धर्म और उनके व्रत को याद करने का अवसर होता है।

PunjabKesari Bhishma Ashtami
भीष्म अष्टमी का महत्व केवल पितृ पक्ष और भीष्म पितामह के बलिदान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिन हमें यह सिखाता है कि जीवन में अपने कर्तव्यों का पालन करना, सही राह पर चलना और अपना आत्मबल बढ़ाना कितना महत्वपूर्ण है। इस दिन हम अपनी कमजोरियों को दूर कर अपने अंदर की शक्ति को महसूस कर सकते हैं जैसा कि भीष्म पितामह ने अपने जीवन में किया था। यह दिन हमें अपने पितरों का सम्मान करने के साथ-साथ आत्म-विश्लेषण करने और अपने जीवन में शुद्धता और सामर्थ्य लाने का भी अवसर देता है।

PunjabKesari Bhishma Ashtami
What to do on Bhishma Ashtami भीष्म अष्टमी पर किया जाने वाला कार्य:
पितृ पूजन: भीष्म अष्टमी पर लोग अपने पूर्वजों (पितरों) का पूजन करते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। इस दिन विशेष रूप से पितृ पक्ष का आयोजन होता है, जिसमें तर्पण और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। लोग अपने पितरों के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करते हैं।

PunjabKesari Bhishma Ashtami
तपस्वी संकल्प: यह दिन भीष्म पितामह के व्रत और जीवन को प्रेरणा के रूप में मनाने के लिए उनके जैसे तपस्वी जीवन जीने का संकल्प लेने का होता है। लोग विशेष रूप से इस दिन उपवासी रहते हैं और व्रत करते हैं।

PunjabKesari Bhishma Ashtami
शंखनाद और भगवद गीता का पाठ: भीष्म अष्टमी पर महाभारत का श्रवण करना या भगवद गीता का पाठ करना भी एक महत्वपूर्ण कार्य होता है। यह भगवान श्री कृष्ण के ज्ञान और भीष्म पितामह के धर्म के प्रति श्रद्धा को बढ़ावा देता है।

PunjabKesari Bhishma Ashtami


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Related News