भाई दूज 2022: भाई के कष्ट दूर करने के लिए करें ये काम

punjabkesari.in Tuesday, Oct 25, 2022 - 03:31 PM (IST)

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25 अक्टूबर दिन मंगलवार दोपहर 2.29 बजे से साल 2022 अंतिम सूर्य ग्रहण प्रांरभ हो चुका है। जिस कारण इस दिन विश्वकर्मा भगवान का पूजन देश में काफी जगह संपन्न नहीं की गई। इसी के परिणाम स्वरूप भाई दूज का पर्व भी एक दिन देरी से मनाया जाएगा। हालांकि ज्योतिष भिन्नता के कारण कुछ लोग 26 अक्टूबर को भी इस पर्व को मनाएंगे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन बहनें भाईयों के अच्छे व स्वास्थ्य जीवन की कामना से उनका तिलक करती हैं। परंतु इस दौरान बहनें कई गलतियां कर बैठती हैं। तो ऐसे में हम आपको भाई दूज पर्व से जुड़ी पूजन विधि ही बताने जा रहे हैं। 

इस दिन सभी बहनें सुबह स्नान आदि के बाद सबसे पहले पूजा की थाली तैयार करें। इस थाली में रोली, चावल, मिठाई, नारियल, घी का दीया, सिर ढकने के लिए रूमाल आदि रखें। साथ ही घर के आंगन में आटे या चावल से एक चौकोर आकृति बनाएं और गोबर से बिल्कुल छोटे-छोटे उपले बनाकर उसके चारों कोनों पर रखें। पास ही में पूजा की थाली भी रख लें। अब उस आकृति के पास भाई को आसन पर बिठा दें और भाई से कहें कि वो अपने सिर को रूमाल से ढंक ले। और फिर भाई के माथे पर रोली, चावल का टीका लगाएं और उसे मिठाई खिलाएं। साथ ही भाई को नारियल दें। इसके बाद भाई अपनी बहन को कुछ उपहार स्वरूप जरूर दें। इससे भाई-बहन के बीच प्यार और सम्मान बढ़ता है।

इसके अलावा एक काम ऐसा भी है जिसे भाई दूज के दिन करने से सबी कामों में सफलता मिलती है। दोस्तों जैसा कि हमने अपनी पिछली वीडियो में बताया था कि गोवर्धन पूजा के दिन पढ़ाई-लिखाई बंद की जाती है। तो दोस्तों भाई-दूज के दिन कलम की पूजा करनी चाहिए और पूजा के बाद श्री चित्रगुप्त को स्मरण करना चाहिए।साथ ही उनसे हाथ जोड़कर उस कलम को आशीर्वाद के रूप में प्राप्त करने का भाव करना चाहिए। इस प्रकार पूजा की गयी कलम अमोघ हो जाती है। उस कलम से लिखने पर दैवीय सहायता प्राप्त होती है और आपको अपने कार्यों में सफलता मिलती है।

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आप चाहें तो एक से ज्यादा कलम की पूजा भी कर सकते हैं और आने वाले पूरे साल उससे काम करके लाभ पा सकते हैं। इसके अलावा दीपावली की रात जो किताब आपने पढ़कर बंद की थी, उसे आज के दिन खोलना चाहिए और उसकी रोली-चावल से पूजा करनी चाहिए। उस पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर या 'श्री गणेशाय नम:' लिखकर श्री गणेश भगवान का ध्यान करना चाहिए और उन्हें प्रणाम करके पढ़ना चाहिए। दोस्तों अब बताते हैं कुछ विशेष उपाय-

भाई बहन के सारे कष्ट दूर करने के लिए: भाई बहन की कलाई पर सतरंगी कलावा बांधें।

भाई बहन को हर कार्य में सफलता के लिए: चित्रगुप्त पर चढ़ी काली पेन भाई-बहन को गिफ्ट करें।

भाई बहन के सुखों में वृद्धि के लिए: भाई बहन के मस्तक पर अष्टगंध से तिलक करे।

भाई बहन की विपदा दूर करने के लिए: संध्या के समय दक्षिणमुखी होकर सरसों के तेल का दोमुखी दीपक जलाएं।

भाई बहन के संबंधों से कटुता दूर करने के लिए: राई लौंग व उड़द भाई बहन के सिर से वारकर कर्पूर से जला दें।


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Content Writer

Jyoti

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