यहां स्थित है बेताल की गुफा, मांगने पर होती है हर मनोकामना पूर्ण

Monday, May 29, 2017 - 10:56 AM (IST)

देवभूमि हिमाचल में बहुत सारे मंदिर स्थित है। सभी मंदिरों की अलग-अलग गाथा है। एक ऐसी ही हिमाचल की पहाड़ियों में बेताल की गुफा है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसकी दीवारों से देसी घी टपकता रहता था। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की सुंदरनगर तहसील में यह गुफा स्थित है। कहा जाता है कि जो भी इस गुफा से बर्तन या देसी घी मांगता था, उसकी वह इच्छा अवश्य पूर्ण होती थी। इतना ही नहीं यहां की दीवारों से घी टपकता रहता था।

गुफा की लंबाई लगभग 40 से 50 मीटर अौर ऊंचाई 15 फीट है। गुफा में हिंदू देवी-देवताअों की पुरानी प्रतिमाएं बनी हुई है। स्थानीय लोग इन प्रतिमाअों की पूजा करते हैं। गुफा के अंदर नहर बहती है, जिसका मधुर संगीत हर समय सुनाई देता है। 

कहा जाता है कि पहले समय में जिस भी घर में विवाह होता था, उस घर का मुखिया पूजा की थाली सजाकर गुफा के द्वार पर सिंदुर से निमंत्रण लिखकर आता था। उसके बाद उसके विवाह के लिए जो भी बर्तन चाहिए होते थे उन्हें मांगता था, अगले दिन उसके द्वारा मांगे बर्तन गुफा के द्वार पर होते थे। जब विवाह खत्म होता था तो मुखिया उन बर्तनों को गुफा के बाहर रख आता था। वहां से बर्तन अपने आप ही गायब हो जाते थे। कहा जाता है कि एक बार किसी व्यक्ति ने बर्तन वापिस नहीं किए, जिसके बाद से इस गुफा से बर्तन मिलने बंद हो गए । 

लोगों का ये भी कहना था कि गुफा की दीवारों से देसी घी भी टपकता था, लेकिन बाद में बंद हो गया। एक रात एक ग्वाला अपने पशुअों के साथ गुफा में आया। ग्वाला गुफा से टपक रहे घी को बार-बार अपनी रोटी में लगाता अौर खा जाता था। जिससे घी जूठा हो गया अौर उसी दिन से गुफा से घी टपकना बंद हो गया। गुफा से संबंधित रहस्य प्राचीन काल में ही समाप्त हो गे लेकिन गुफा का महत्व अभी भी बरकरार है। स्थानीय लोगों का मानना है कि ये गुफा मनोकामना पूरी करती है, जिसके चलते यह एक आस्था का स्थल बन चुकी है। जब गांव के पशु बीमार पड़ते हैं या दूध देना बंद कर देते हैं तो गुफा के पास पूठा-पाठ करने से सारी समस्याएं दूर हो जाती है। 


 

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