Best Yantra for home: घर की आत्मा और ऊर्जा को Balanced करते हैं ये यंत्र
punjabkesari.in Thursday, Jun 19, 2025 - 07:16 AM (IST)

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Best Vastu Yantra for home: घर की आत्मा और ऊर्जा को Balanced करते हैं ये यंत्र वास्तु शास्त्र के अनुसार यंत्रों का उपयोग घर में केवल प्रतीकात्मक नहीं होता, बल्कि यह गहराई से ऊर्जा-संवर्धन और मानसिक वातावरण को संतुलित करने का कार्य करता है। यंत्र किसी भी दिशा में प्रवाहित हो रही असंतुलित प्राण शक्ति को पकड़कर उसे दिशा और उद्देश्य देता है। इससे घर की ऊर्जा ऐसी बन जाती है कि मानसिक शांति, रचनात्मकता और सामंजस्य स्वतः पनपने लगता है। यंत्रों की तरंगें केवल मनुष्यों पर ही नहीं, बल्कि घर में लगे पौधों और पालतू जानवरों पर भी सकारात्मक असर डालती हैं। वे अधिक जीवंत, शांत और अनुकूल व्यवहार करने लगते हैं।
हर घर की दीवारें एक तरह की भावनात्मक स्मृति धारण करती हैं जैसे झगड़े, दुख, चिंता। यंत्र उस स्मृति को नष्ट कर सकता है। यंत्र की ध्वनि तरंगें (बीज मंत्रों से) इन भावनात्मक कणों को हटाकर शुद्ध वातावरण बनाती हैं। प्राचीन वास्तु परंपराओं के अनुसार, हर यंत्र विशेष संस्कारों के साथ स्थापित किया जाता है जैसे प्राण-प्रतिष्ठा, बीज मंत्र, दिशा विशेष का अर्चन। यह प्रक्रिया घर की आत्मा को संतुलित करती है, जिससे पीढ़ियों का कर्म-संतुलन सुधरता है।
यंत्र केवल नेगेटिविटी हटाते नहीं, बल्कि उस दिशा में एक अदृश्य सुरक्षाकवच भी खड़ा करते हैं। विशेषकर राहु-केतु, शनि या चंद्र दोष वाले घरों में कालसर्प यंत्र या नवग्रह यंत्र से यह सुरक्षा बहुत प्रभावी मानी जाती है।
घर के केंद्र यानी ब्रह्म स्थान में यदि वास्तु पुरुष यंत्र रखा जाए, तो वहां से पूरे घर की ऊर्जा पुनः सक्रिय होती है। इससे वह क्षेत्र सुषुप्तावस्था से बाहर आकर जाग्रत हो जाता है और पूरे परिवार की जीवन गति सुधरती है।
यदि घर के उत्तर-पूर्व कोण में श्री यंत्र स्थापित किया जाए, तो वहां बहने वाली दिव्य ऊर्जा को आकर्षित करके आर्थिक स्थिरता और आध्यात्मिक वृद्धि को गति मिलती है।
वास्तुशास्त्र के अनुसार जिस घर में पूर्व दिशा का स्थान ऊंचा हो, वहां वास्तु दोष लगता है। घर के लोगों को पेट संबंधी परेशानी झेलनी पड़ती है। घर में बरामदे की ढलान पश्चिम दिशा की ओर हो, तो भी परिवार के मुखिया को कई तरह की बीमारियों से गुजरना पड़ सकता है। पूर्व की दीवार पर सूर्य यंत्र स्थापित करने से वास्तु दोष से राहत मिलती है।
घर का पश्चिमी भाग नीचा हो तो वास्तु दोष का प्रभाव संतान को झेलना पड़ता है। घर का मुख्य द्वार पश्चिम दिशा की ओर होना अशुभ माना जाता है। पश्चिम दिशा में बना मुख्य द्वार घर में धन खर्च बढ़ाता है। इससे राहत पाने के लिए घर की पश्चिमी दीवार पर वरुण यंत्र लगाना चाहिए। घर की पश्चिम दिशा में अशोक का वृक्ष लगाने से भी वास्तु दोष दूर होते हैं।
घर की उत्तर दिशा ऊंची हो, उसमें चबूतरे न बने हों तो घर के सदस्यों की तरक्की में रुकावट आती है। लोगों को थकावट, आलस और घुटनों संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इससे छुटकारा पाने के लिए घर के पूजा स्थल में बुध यंत्र की स्थापना करनी चाहिए।
कुछ दुर्लभ यंत्र (जैसे कालचक्र यंत्र) समय की तीव्रता को संतुलित करते हैं। इससे ऐसा अनुभव होता है कि समय धीमा हो गया है। जिससे व्यक्ति अधिक गहराई से सोचता है, बेहतर निर्णय लेता है और मानसिक रूप से संतुलन में रहता है।
षोडशी यंत्र या त्रिपुरसुंदरी यंत्र ध्यान के समय अनजाने में सक्रिय हो जाते हैं। ये चित्त को स्थिर करने और अंतःप्रेरणा को स्पष्ट करने में मदद करते हैं।