Best Motivational Story: राजा थिबा की कहानी से जानिए आत्म-उन्नति का राज

punjabkesari.in Saturday, Aug 02, 2025 - 09:44 AM (IST)

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Best Motivational Story: म्यांमार के राजा थिबा महान ज्ञानयोगी थे। वह हमेशा प्रजा की सेवा व परमात्मा की भक्ति में लगे रहते थे।  एक बार एक अहंकारी भिक्षुक उनके पास आया और बोला, “राजन, मैं वर्षों से जप-तप करता आ रहा हूं, लेकिन आज तक मुझे ज्ञान की प्राप्ति नहीं हुई, जबकि आप राजवैभव में लिप्त होने के बावजूद परमात्मा के मार्ग पर बहुत आगे बढ़ चुके हैं। मैंने सुना है आपको ज्ञानयोग की प्राप्ति हो चुकी है। इसका क्या कारण है?”

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राजा बोले, “भिक्षुक, तुम्हारे प्रश्न का उत्तर मैं उचित समय पर दूंगा। अभी तो तुम दीपक लेकर मेरे महल में निस्संकोच प्रवेश करो। मनचाही चीज ले सकते हो, महल के सारे सुख भोग सकते हो पर  यह ध्यान रहे कि दीपक हरगिज न बुझे। अगर दीपक बुझ गया तो तुम्हें कठोर दंड भोगना होगा।”

भिक्षुक पूरे महल में दीपक लेकर घूमा, सुख-भोग के साधन देखे, राजवैभव देखा। भिक्षुक सब कुछ देख-घूमकर वापस आया। राजा थिबा ने उससे पूछा, “कहो बंधु, तुम्हें मेरे महल में क्या चीज पसंद आई?”

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भिक्षुक बोला, “राजन, मेरा अहोभाग्य जो आपने मेरे लिए राजवैभव के सारे द्वार खुले रख छोड़े। पर मेरे मन को कुछ भी अच्छा नहीं लगा। चाहकर भी सारे सुखों का आनंद नहीं ले पाया, क्योंकि मेरा ध्यान दीपक की ओर था। मन में सदैव यह डर था कि कहीं यह दीपक बुझ न जाए।”

राजा ने संदेश देते हुए कहा, “हममें बहुत से लोग सुख का उपयोग तो कर लेते हैं लेकिन आत्मज्ञान के दीपक की ओर बिल्कुल ध्यान नहीं दे पाते। अच्छा तो यह हो कि हम मर्यादा में रहकर भोग करें लेकिन अपनी आत्म-उन्नति का दीपक सदा प्रज्वलित रखें। जो मनुष्य दोनों में संतुलन बना लेते हैं, वही श्रेष्ठ कहलाते हैं।”

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Content Editor

Sarita Thapa

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