Ashadha Month 2025: जल्द ही शुरू होने जा रहा है आषाढ़ का महीना, इन नियमों का अवश्य रखें ध्यान
punjabkesari.in Saturday, Jun 07, 2025 - 07:01 AM (IST)

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Ashadh Month 2025: भारतीय पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास वर्ष का चौथा माह होता है, जो जून और जुलाई के बीच पड़ता है। आषाढ़ का महीना प्रकृति के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह मानसून का महीना होता है, जब धरती पर हरियाली छा जाती है और जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है। वर्षा ऋतु के आगमन के साथ आषाढ़ माह धार्मिक, सामाजिक और कृषि संबंधी दृष्टिकोण से भी विशेष महत्व रखता है। इस माह में कई त्योहार, व्रत और धार्मिक अनुष्ठान भी मनाए जाते हैं इसलिए जानना आवश्यक है कि आषाढ़ मास में कौन से कार्य शुभ होते हैं और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
आषाढ़ माह कब से शुरू हो रहा है ?
इस साल आषाढ़ मास की शुरुआत 12 जून से लेकर 10 जुलाई 2025 तक रहेगी। आषाढ़ के महीने में कई धार्मिक आयोजन और उत्सव मनाए जाते हैं, जिनमें भक्तजन बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ भाग लेते हैं।
आषाढ़ मास में क्या करें ?
शुभ कार्य करें: आषाढ़ मास में शुभ कार्यों की शुरुआत करना लाभकारी होता है। इस माह में धार्मिक कार्यों, पूजा-पाठ और दान पुण्य का विशेष महत्व होता है। यदि आप कोई नया काम शुरू करना चाहते हैं, तो आषाढ़ का महीना शुभ माना जाता है।
भगवान शिव की आराधना करें: सावन के सोमवार भगवान शिव को समर्पित होते हैं। इस दिन व्रत रखना और शिवलिंग पर जल, दूध, या बेलपत्र अर्पित करना अत्यंत फलदायक माना जाता है। शिव की भक्ति से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
गुरु पूर्णिमा का ध्यान रखें: आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है, जो गुरु की महत्ता को दर्शाती है। इस दिन गुरु की पूजा-अर्चना करना चाहिए और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए।
प्रकृति की सेवा करें: मानसून के आगमन के साथ प्रकृति जागृत होती है। इस महीने में पेड़ लगाना, जल संरक्षण करना और पर्यावरण की रक्षा करना शुभ होता है।
साफ-सफाई और स्वच्छता: आषाढ़ में वातावरण नमी और बारिश के कारण संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ता है, इसलिए घर और आसपास की जगह की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
आषाढ़ मास में क्या न करें ?
नकारात्मक कार्यों से बचें: इस पवित्र माह में झूठ बोलना, छल करना, विवाद करना, और गुस्सा करना जैसे नकारात्मक कार्यों से बचना चाहिए क्योंकि इनका असर जीवन पर विपरीत पड़ता है।
हरी पत्तेदार सब्जियां: जितना हो सके आषाढ़ में हरी पत्तेदार सब्जियां का कम से कम सेवन करें।
नकारात्मक विचार: इस दौरान गुस्सा, घमंड और गलत सोच से हमेशा बचना चाहिए। दूसरों का सम्मान करें और कभी भी बुरी या अपमानजनक भाषा का प्रयोग न करें।