भगवान के पास ही क्यों रहना चाहता था बच्चा

punjabkesari.in Sunday, Jul 19, 2015 - 04:00 PM (IST)

एक समय की बात है, एक बच्चे का जन्म होने वाला था । जन्म से कुछ क्षण पहले उसने भगवान से पूछा, ‘‘मैं इतना छोटा हूं, खुद से कुछ कर भी नहीं पाता, भला धरती पर मैं कैसे रहूंगा, कृपया मुझे अपने पास ही रहने दीजिए, मैं कहीं नहीं जाना चाहता ।’’ भगवान बोले, ‘‘मेरे पास बहुत से फरिश्ते हैं, उन्हीं में से एक मैंने तुम्हारे लिए चुन लिया है, वह तुम्हारा ख्याल रखेगा ।’’ ‘‘पर आप मुझे बताइए, यहां स्वर्ग में मैं कुछ नहीं करता बस गाता और मुस्कुराता हूं, मेरे लिए खुश रहने के लिए इतना ही बहुत है ।’’

‘‘तुम्हारा फरिश्ता तुम्हारे लिए गाएगा और हर रोज तुम्हारे लिए मुस्कुराएगा और तुम उसका प्रेम महसूस करोगे और खुश रहोगे ।’’ ‘‘और जब वहां लोग मुझसे बात करेंगे तो मैं समझूंगा कैसे, मुझे तो उनकी भाषा नहीं आती?’’  ‘तुम्हारा फरिश्ता तुमसे सबसे मधुर और प्यारे शब्दों में बात करेगा, ऐसे शब्द जो तुमने यहां भी नहीं सुने होंगे, और  बड़े धैर्य और सावधानी के साथ तुम्हारा फरिश्ता तुम्हें बोलना भी सिखाएगा ।’’ ‘‘और जब मुझे आपसे बात करनी हो तो मैं क्या करूंगा?’’ 

‘‘तुम्हारा फरिश्ता तुम्हें हाथ जोड़ कर प्रार्थना करना सिखाएगा और इस तरह तुम मुझसे बात कर सकोगे ।’’ ‘‘मैंने सुना है कि धरती पर बुरे लोग भी होते हैं, उनसे मुझे कौन बचाएगा ?’’  ‘‘तुम्हारा फरिश्ता तुम्हें बचाएगा, भले ही उसकी अपनी जान पर खतरा क्यों न आ जाए?’’ ‘‘लेकिन मैं हमेशा दुखी रहूंगा क्योंकि मैं आपको नहीं देख पाऊंगा।’’ ‘‘तुम इसकी चिंता मत करो, तुम्हारा फरिश्ता हमेशा तुमसे मेरे बारे में बात करेगा और तुम वापस मेरे पास कैसे आ सकते हो बताएगा ।’’  

उस वक्त स्वर्ग में असीम शांति थी, पर पृथ्वी से किसी के कराहने की आवाज आ रही थी... बच्चा समझ गया कि अब उसे जाना है, और उसने रोते-रोते भगवान से पूछा, ‘‘हे ईश्वर, अब तो मैं जाने वाला हूं, कृपया मुझे उस फरिश्ते का नाम बता दीजिए?’’ भगवान बोले, ‘‘फरिश्ते के नाम का कोई महत्व नहीं है,  बस इतना जानो कि तुम उसे ‘मां’ कह कर पुकारोगे ।’’


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