3 दोष जो बर्बाद कर देते हैं उद्योग या व्यवसाय

punjabkesari.in Saturday, May 23, 2015 - 12:45 PM (IST)

किसी भी व्यक्ति का उद्योग या व्यवसाय बंद पड़ा हो या घाटे में चल रहा हो तो उनमें निम्नलिखित तीन वास्तुदोषों में से कोई एक या एक से अधिक वास्तुदोष अवश्य होगें। यह तीन दोष ऐसे हैं जो किसी भी उद्योग या व्यवसाय में हो तो उसे बर्बाद कर देते हैं।

पहला दोष - उद्योग या व्यवसाय का मुख्यद्वार पूर्व आग्नेय, दक्षिण नैऋत्य, पश्चिम नैऋत्य में या उत्तर वायव्य में होता है।

दूसरा दोष - किसी भी रूप में उद्योग या व्यवसायिक स्थल की उत्तर, पूर्व दिशा एवं ईशान कोण में ऊंचाई होती है और अन्य दिशाओं और कोणों की ओर नीचाई होती है। यह नीचाई किसी भी रूप में हो सकती है जैसे - बेसमेंट, भूमिगत पानी के टैंक, कैमिकल टैंक, जमीन का ढाल, कोई मशीन जमीन में गड्ढा करके लगाई गई हो या जमीन का ढलान दक्षिण पश्चिम दिशा की ओर हो। कहने का तात्पर्य है कि, दक्षिण-पश्चिम दिशा या नैऋत्य कोण उत्तर-पूर्व दिशा एवं ईशान कोण की तुलना में किसी भी प्रकार से नीचा होता है।

तीसरा दोष - उद्योग व्यवसायिक परिसर की चार दीवारी का या बिल्डिंग का ईशान कोण दबा, घटा, कटा, गोल होता है और नैऋत्य कोण बढ़ा हुआ होता है।

किसी भी उद्योग या व्यवसायिक स्थल में उपरोक्त तीनों में से एक भी दोष होगा तो निश्चित रूप से वहां समस्याएं चल रही होंगी। एक से अधिक होगें तो बहुत ज्यादा समस्याएं होंगी और यदि तीनों दोष हुए तो यह तय मानकर चलिए वह उद्योग या व्यवसाय जबरदस्त घाटे के कारण बंद होने के कगार पर होगा या बंद हो चुका होगा।

- वास्तु गुरू कुलदीप सलूजा

thenebula2001@yahoo.co.in


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