हस्ताक्षर: व्यक्तित्व की परछाई से जानें स्वभाव

punjabkesari.in Wednesday, Apr 22, 2015 - 08:11 AM (IST)

हस्ताक्षर (दस्तखत /सिग्नेचर) किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व का संपूर्ण आइना होता है अत: व्यक्ति के हस्ताक्षर में उसके व्यक्तित्व की सभी बातें पूर्ण रूप से दिखाई देती हैं। इस प्रकार हस्ताक्षर एक दर्पण है जिसमें व्यक्तित्व की परछाई स्पष्ट रूप से झलकती है।

जिस प्रकार संसार में किन्हीं दो व्यक्तियों के हाथ की रेखाएं एक-सी नहीं होतीं, उसी प्रकार किन्हीं दो व्यक्तियों के हस्ताक्षर भी एक-से नहीं हो सकते। कोई अक्षरों पर सीधी लाइन खींचता है तो कोई बिना लाइन के ही अक्षर लिखता चला जाता है। किसी के अक्षरों पर टूटती हुई लाईन बढ़ती चली जाती है तो किसी के अक्षरों पर लहरिदार पंक्ति बनती चली जाती है।

व्यक्ति के हस्ताक्षर से उसके स्वभाव के बारे में - 

* जो लोग हस्ताक्षर का पहला अक्षर बड़ा लिखते हैं वे विलक्षण प्रतिभा के धनी होते हैं। ऐसे लोग किसी भी कार्य को अपने ही अलग अंदाज से पूरा करते हैं। पहला अक्षर बड़ा बनाने के बाद अन्य अक्षर छोटे-छोटे और सुंदर दिखाई देते हों तो व्यक्ति धीरे-धीरे किसी खास मुकाम पर पहुंच जाता है। ऐसे लोगों को जीवन में सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त हो जाती हैं। कुछ लोग हस्ताक्षर के नीचे दो लाइन खींचते हैं। जो ऐसे सिग्नेचर करते हैं उनमें असुरक्षा की भावना अधिक होती है। ऐसे लोग किसी भी कार्य में सफलता को लेकर संशय में रहते हैं। खर्च करने में इन्हें काफी बुरा महसूस होता है अर्थात ये लोग कंजूस भी हो सकते हैं।

* जिस व्यक्ति के सिग्नेचर में अक्षर नीचे से ऊपर की ओर जाते हैं तो वह ईश्वर पर आस्था रखने एवं आशावादी होते हैं।

* ऊपर से नीचे की ओर सिग्नेचर करने वाले नकारात्मक विचारों वाले एवं अव्यावहारिक होते हैं। इनकी मित्रता कम लोगों से रहती है।

* सरल रेखा में हस्ताक्षर करने वाले सरल स्वभाव और साफ दिल के रहते हैं लेकिन इनका स्वभाव तार्किक रहता है।

* जिनके हस्ताक्षर नीचे की तरफ मुड़ते हैं, ऐसे व्यक्तियों में कुछ भावनात्मक समस्या होती है तथा इनमें आत्मविश्वास और उत्साह की कमी होती है। ऐसे व्यक्ति जीवन के प्रति नकारात्मक नजरिया रखते हैं। इसी तरह लिखावट से भी व्यक्ति का स्वभाव पहचाना जा सकता है। बड़े अक्षरवाली व्यक्ति काफी उत्साहित, सृजनशील तथा बातें करने में माहिर होते हैं। छोटे अक्षर लिखने वाले व्यक्ति बुद्धिजीवी, आदर्शवाद में विश्वास रखने वाले, अपना काम पूरा ध्यान से केंद्रित करके पूरा करने वाले होते हैं।

* अंत में डॉट या डेश लगाने वाले व्यक्ति डरपोक, शंकालु प्रवृत्ति के होते हैं।

* पेन पर जोर देकर लिखने वाले भावुक, उत्तेजक, हठी और स्पष्टवादी होते हैं।

* बिना पेन उठाए एक ही बार में पूरा शब्द लिखने वाले रहस्यवादी, गुप्त प्रवृत्ति एवं ‍वाद-विवादकर्ता होते हैं।

* वहीँ जो लोग बुरी तरह से जल्दी से हस्ताक्षर करते हैं जो पढने में भी न आये वे लोग जीवन में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करते हैं। ऐसे लोग सुखी जीवन नहीं जी पाते हैं। हालांकि ऐसे लोगों में कामयाब होने की चाहत बहुत अधिक होती है और इसके लिए वे श्रम भी करते हैं। ये लोग किसी को धोखा भी दे सकते हैं। जिन लोगों के हस्ताक्षर एक जैसे लयबद्ध नहीं दिखाई देते वे मानसिक रूप से अस्थिर होते हैं। इन्हें मानसिक कार्यों में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीँ, जिन लोगों के हस्ताक्षर सामान्यरूप से कटे हुए दिखाई देते हैं वे नकारात्मक विचारों वाले होते हैं। इन्हें किसी भी कार्य में असफलता पहले नजर आती है।

* अवरोधक चिह्न लगाने वाले व्यक्ति कुंठाग्रस्त, सामाजिकता व नैतिकता की देते हैं एवं आलसी प्रवृत्ति के होते हैं।

* जल्दी से हस्ताक्षर करने वाले कार्य को गति से हल करने व तीव्र तात्कालिक बुद्धि वाले होते हैं।

* प्रत्येक व्यक्ति हस्ताक्षर करने के साथ ही कुछ निश्चित चित्रों का प्रयोग भी करता ही है जैसे हस्ताक्षर करने के बाद आड़ी तिरछी एक या दो रेखाएं खींचना, बिंदु का प्रयोग अथवा (’) इत्यादि का प्रयोग करना। ये चिह्न एवं इस प्रकार किए हस्ताक्षर व्यक्ति के व्यक्तित्व, मनोव एवं चारित्रिक गुणों को अपने में समाहित किए रहते हैं।

* शिरो रेखा से हस्ताक्षर जागरूक, सजग एवं बुद्धि का सही उपयोग करने वाले होते हैं।

* स्पष्ट सिग्नेचर करने वाले खुले मन के, विचारवान तथा पारदर्शी प्रवृत्ति कार्य करने वाले होते हैं।

vastushastri08@gmail.com

पंडित ‘विशाल’ दयानंद शास्त्री

 

 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News