पैसे को ही परत्माता मानने वाले लोगों का पता यूं लगाएं
punjabkesari.in Friday, Apr 10, 2015 - 08:39 AM (IST)

‘‘लालच बुरी बला है’’ यह जानते हुए भी कई लोग जिनके पास प्रभु की कृपा से सब कुछ होता है उसके बाद भी उनका लालच खत्म नहीं होता और वे लालच में असामाजिक और गैरकानूनी कार्य करते हुए किसी भी हद तक गिरने को तैयार रहते हैं। लालची लोगों की इस प्रवृत्ति में उनके घरों के वास्तु की अहम भूमिका है।
वास्तुशास्त्र में ऐसे घरों की बनावट के बारे में जो जानकारी मिलती है उनमें से कुछ इस प्रकार है -
१ जिस घर के नैऋत्य कोण SW में पूजा घर हो वहां रहने वाले लालची स्वभाव के होते है।
२ जिस घर में पश्चिम दिशा में पूजा का स्थान होता है उस घर का मुखिया धर्म के उपदेश तो देता है परन्तु धर्म की आवमानना करता है और बहुत ज्यादा लालची होता है।
३ जहां वायव्य भाग की सड़क के कारण ईशान कोण घटता हो और वायव्य से आग्नेय की ओर सड़क हो तब पूर्व ईशान के घरों का ईशान कोण कम हो जाता है ऐसे में वायव्य भाग स्थित निवासी सम्पन्न बनेगें वे लालची होगें, पैसे को ही परत्माता मानेगें ध्यान रहे ऐसे घरों में स्त्रियों का राज होगा।
४ जिस घर का उत्तर ईशान कोण बढ़ा हुआ हो तो घर का मुखिया धनवान होने के साथ-साथ लालची भी होता है।
५ यदि घर के प्रवेशद्वार से ही सीढि़यां शुरू हो जाती है तो ऐसे लोग बहारीतौर पर दिखावा करते है कि वह सात्विक, ईमानदार है तथा धार्मिक होने के साथ-साथ मोक्ष की कामना रखते है परंतु सच में यह लोग भौतिक सुखों के लालची, चालक, चतुर और धोखेबाज होते है।
६ कई घरों में ही दुकान होती है और साईड में पीछे गोडाऊन होता है। ऐसे घर में निवास करने वाले अति महत्त्वकांक्षी होने के साथ-साथ लालची व चालाक होते हैं।
७ आजकल बहुत ही पतली लकड़ी (जैसे 4 या 6 मिली मीटर मोटी प्लाई) के द्वार बनाए जा रहे हैं तो यह समझना चाहिए कि ऐसे घरों में रहने वालों के जीवन में अधूरापन रहता है और यह लोग सही या गलत किसी भी तरीके से आगे बढ़ना चाहते हैं यह लोग अपने लाभ के लिए कुछ भी करना चाहते हैं। अपने गलत जीने के ढंग को भी सही मानते हुए मस्त रहते हैं।
८ यदि किसी घर में मुख्यद्वार से घुसते ही सामने दीवार होती है और सीधे या उल्टे हाथ की ओर मुड़कर कमरें में जाना होता है वहां रहने वालों में लालच व चालाकी होती है।
९ जिस घर के मुख्यद्वार पर विज्ञापन लगे होते है उस घर में रहने वाले अति महत्त्वकांक्षी, लालची होते हैं।
- वास्तु गुरू कुलदीप सलूजा
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