दुनिया का सबसे महंगा घर है मुकेश अंबानी का एंटीलिया, जानें वास्तु विश्लेषण

punjabkesari.in Wednesday, Mar 13, 2024 - 07:37 AM (IST)

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Antilia vastu: रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी का एंटीलिया दक्षिण मुंबई के ऑफ पेडर रोड पर अल्टामाउंट रोड पर स्थित दुनिया का सबसे महंगा निजी स्वामित्व वाला घर है। कहते हैं यह दुनिया के रिहायशी मकानों में ब्रिटेन की रानी के सरकारी महल बकिंघम पैलेस के बाद दूसरे नंबर पर आता है। इस प्रकार दूसरे शब्दों में कहें तो मुकेश अंबानी का घर “एंटीलिया” दुनिया का सबसे महंगा घर है।

मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार, दक्षिण बॉम्बे के अल्टामाउंट कुंबाला हिल्स में स्थित 27 मंजिला एंटीलिया में तीन हेलीपैड, एअर ट्रैफिक कंट्रोल, 168 कार गैरेज, एक बॉलरूम, 9 हाई स्पीड एलिवेटर्स, एक 50 सीट का थिएटर, टैरेस गार्डन, स्विमिंग पुल, स्पा, हेल्थ सेंटर, एक मंदिर, एक स्नो रूम और कई कर्मचारियों के रहने की व्यवस्था है। इस घर का आर्किटेक्चर सूर्य और कमल से प्रेरित है। एंटीलिया 8 तीव्रता का भूकंप भी बर्दाश्त कर सकता है। इस घर के निर्माण का काम 2006 में शुरू हुआ था जो 2012 तक चला।

एंटीलिया बनने के बाद एक अखबार में छपी खबर के कारण यह अफवाह फैल गई कि अंबानी परिवार इसमें रहने नहीं आ रहा है, क्योंकि इसके दक्षिण-पश्चिम हिस्से में नेगेटिव एनर्जी का संचार होने के कारण यहां वास्तुदोष आ गया है और इस कारण वहां रहने वालों के बीच मामूली बात पर भी मतभेद और अनबन हो सकती है। सच्चाई यह है कि ऐसा कुछ नहीं था। यह केवल एक अफवाह थी। अंबानी परिवार एंटीलिया बनने के बाद से ही यहां रहने आ गया था। जैसा कि नीता अंबानी जी ने एक इंटरव्यू में भी कहा था।

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आइये मुकेश अंबानी के घर की भौगोलिक स्थिति का वास्तु विश्लेषण करके देखते हैं कि ‘एंटीलिया’ वास्तु अनुकूल बना है या नहीं-
एंटीलिया विदिशा प्लाट पर बनी एक बिल्डिंग है, इसकी दिशायें मध्य में न होकर कोने पर हैं। विदिशा प्लाट में  जहां कंपास से उत्तर दिशा आती है वह ईशान कोण माना जाता है। यह अल्टामाउंट कुंबाला हिल्स के उस भाग पर स्थित है, जहां पर बिल्डिंग की उत्तर और पूर्व दिशा में नीचाई है। यहां पेडर रोड़ से पूर्व से हिल्स की ओर चढ़कर जाते हैं, जहां आगे जाकर दक्षिण से होते हुए पश्चिम से उत्तर दिशा की ओर सड़क उतर जाती है, जो पेडर रोड़ पर जाकर मिल जाती है। दक्षिण दिशा पर सड़क एकदम सीधी है। कंपास पर यह सड़क पूर्व दिशा और दक्षिण दिशा दर्शाती है। इस तरह इस की भौगोलिक स्थिति पूर्णतया वास्तु अनुकूल है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा में ऊंचाई हो और पूर्व दिशा में ढलान होने के कारण पैसों की आवक अच्छी होती है और उत्तर दिशा में ढलान होने के कारण यहां रहने वालों को मान-सम्मान की कोई कमी नहीं रहती।

एंटीलिया की पूर्व, दक्षिण और पश्चिम दिशा की दीवार एकदम सीधी है। उत्तर दिशा में फ्लोर आगे-पीछे जरूर हैं लेकिन सभी फ्लोर आयताकार हैं। उत्तर, पूर्व और पश्चिम दिशा में एंटीलिया की दीवार का कोई कोना घटा-बढ़ा नहीं है। केवल दक्षिण दिशा में खिड़कीनुमा फ्लावर बेड बाहर निकले हैं, जिस पर हरियाली की गई है। ग्राउण्ड फ्लोर पर उत्तर दिशा आयताकार आगे बढ़ी हुई है और कुछ मंजिलों के बाद बिल्डिंग उत्तर दिशा से कुछ फिट पीछे होकर बनी है। इससे उत्तर दिशा हल्की और दक्षिण दिशा भारी हो रही है, यह स्थिति भी पूर्णतः वास्तुअनुकूल है। बिल्डिंग की दक्षिण दिशा में दो द्वार है, एक द्वार दक्षिण-आग्नेय और दूसरा द्वार दक्षिण नैऋत्य में है। एंटीलिया में दक्षिण-आग्नेय के द्वार से ही आना-जाना रहता है यह द्वार भी वास्तुअनुकूल है। इसी द्वार पर सिक्युरिटी गार्ड खड़े रहते हैं। एंटीलिया की रूफ पर हेलीपैड बना हुआ है यह भी वास्तु अनुकूल है।

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कई वास्तुविदों का कहना है कि एंटीलिया काफी ऊंची बिल्डिंग है और वास्तु शास्त्र में ज्यादा ऊंची टावर नुमा बिल्डिंग को शुभ नहीं माना गया है। वास्तुशास्त्र के प्राचीन ग्रन्थों में इस बात का उल्लेख है कि भवन बनाते समय भूतल की तुलना में ऊपर बने प्रत्येक तल की ऊंचाई क्रमशः कम होती जानी चाहिए, जो कि एंटीलिया में नहीं है।

प्राचीनकाल में जब यह शास्त्र लिखे गए तब घर ईंट, पत्थर और गारे को जोड़कर बनाए जाते थे। उस समय नीचे के तल की ऊंचाई के साथ-साथ फैलाव भी ज्यादा होता था और ऊपर की मंजिल क्रमशः कम ऊंचाई और कम फैलाव की बनाई जाती थी। लगभग डोम के आकार की इस बनावट के कारण भवन में मजबूती एवं स्थायित्व रहता था लेकिन वर्तमान में मल्टी स्टोरी बिल्डिंग का चलन है, जिनमें मजबूती के लिए भारी मात्रा में स्टील और सीमेंट का इस्तेमाल किया जाता है और अब तो इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाता है कि टावर के आकार की बनी यह मल्टी स्टोरी बिल्डिंग भूकम्परोधी भी हो, जोकि एंटीलिया भी है। स्टील और सीमेंट से निर्मित मजबूत बनावट के कारण मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में भूतल के बाद के प्रत्येक तल की ऊंचाई यदि कम न भी हो तो भी कोई वास्तुदोष उत्पन्न नहीं होता है, साथ ही टावर नुमा बिल्डिंग में यह व्यावहारिक रूप से संभव भी नहीं है।

जिस व्यक्ति ने अंबानी जी के एंटीलिया के लिए इतनी वास्तु अनुकूल जगह पसंद कर उस पर आयताकार बिल्डिंग का निर्माण करवाया, निश्चित ही वह एक विद्वान वास्तुविद हैं। यह भी तय है कि उन्होंने एंटीलिया के अंदर भी पूर्णतः वास्तु अनुकूल निर्माण ही करवाया होगा।

निश्चित ही अंबानी जी का पुराना घर भी वास्तु अनुकूल रहा होगा, जहां से उन्होंने इतनी तरक्की की और भारत के सबसे अमीर लोगों की श्रेणी में नं. 1 पर आ गये। एंटीलिया भी पूर्णतः वास्तु अनुकूल घर है, इसी कारण अंबानी जी यहां से भी दिन-दुगनी रात चौगुनी तरक्की करते हुए दुनिया के 10 सर्वोच्च अमीरों की सूची में आ गये हैं।

वास्तु गुरू कुलदीप सलूजा
thenebula2001@gmail.com

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Content Writer

Niyati Bhandari

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