Akshay Navami Upay: आंवला नवमी पर इस विधि से करें स्नान, जन्मों तक पुण्यों के भागी बनेंगे आप

punjabkesari.in Tuesday, Oct 28, 2025 - 07:50 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Amla Navami Upay 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, आंवला नवमी जिसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है, हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष आंवला नवमी 2025 का पावन पर्व शुक्रवार, 31 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। यह दिन आंवले के वृक्ष, देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। आंवले को आयुर्वेद में अमृत कहा गया है और धर्म शास्त्रों में इसे पवित्रता, दीर्घायु और सौभाग्य का प्रतीक बताया गया है।

PunjabKesari Akshay Navami Upay

Amla Navami mythological significance आंवला नवमी का पौराणिक महत्व
पुराणों के अनुसार, अक्षय नवमी के दिन किया गया कोई भी पुण्य कार्य कभी नष्ट नहीं होता। इसलिए इसे “अक्षय नवमी” कहा गया अर्थात ऐसा दिन जब पुण्य अक्षय (अविनाशी) होता है।
कथा के अनुसार, एक बार देवी लक्ष्मी ने भगवान विष्णु से पूछा, “हे प्रभु! कौन-सा वृक्ष ऐसा है जिसमें मेरा वास हो ?”
भगवान विष्णु ने कहा, “हे देवी, कार्तिक मास की नवमी तिथि को जो भक्त आंवले के वृक्ष की पूजा करेगा, वह आपके आशीर्वाद से अक्षय फल प्राप्त करेगा।”
तभी से आंवला नवमी का पर्व मनाया जाने लगा। इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करना, पूजा करना और कथा सुनना अत्यंत शुभ माना जाता है।

PunjabKesari Akshay Navami Upay
Amla Navami Ke Upay आंवला नवमी उपाय
नहाने के जल में आंवले का रस मिलाने से दोष और पापों का क्षय होता है।
इस दिन आंवले के वृक्ष को जल चढ़ाना और दीपक जलाना घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाता है।
आंवले के नीचे लक्ष्मी स्तोत्र या श्रीसूक्त का पाठ करने से धन-समृद्धि आती है।
7 आंवले के फल मंदिर में दान करने से रोगों से मुक्ति और दीर्घायु प्राप्त होती है।

PunjabKesari Akshay Navami Upay
What not to do on Amla Navami क्या न करें आंवला नवमी पर
वृक्ष या पौधों को काटना या नुकसान पहुंचाना अशुभ माना जाता है।
इस दिन झूठ बोलना, क्रोध करना या किसी को अपमानित करना वर्जित है।
अपवित्र वस्त्रों में पूजा या वृक्ष स्पर्श न करें।
बिना स्नान किए आंवले के वृक्ष को स्पर्श न करें।

PunjabKesari Akshay Navami Upay
Spiritual significance of Amla Navami आंवला नवमी का आध्यात्मिक महत्व
आंवला नवमी हमें यह सिखाती है कि प्रकृति ही हमारे जीवन का आधार है। आंवला न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि आत्मा को भी शुद्ध करता है।

इस दिन किया गया पुण्य चाहे वह दान, पूजा, जप या सेवा हो कई जन्मों तक अक्षय रहता है। इसलिए इसे पापों का नाश और पुण्यों का विस्तार करने वाला दिन कहा गया है।

आंवला नवमी 2025 के दिन श्रद्धा और भक्ति से नहाने के जल में आंवला मिलाकर स्नान करें, फिर आंवले के वृक्ष और देवी लक्ष्मी की पूजा करें। ऐसा करने से जीवन से नकारात्मकता दूर होती है और सौभाग्य, धन, स्वास्थ्य और शांति का वास होता है।

आंवला पूजनं पुण्यं सर्वरोगनिवारणम्
जो भक्त आंवले की पूजा करता है, उसके सारे रोग और दोष समाप्त हो जाते हैं।

PunjabKesari Akshay Navami Upay


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Related News