Abraham Lincoln Story: अब्राहम लिंकन के मन में जीवों के प्रति ऐसी दया देख आपका भी मन हो जाएगा नरम

punjabkesari.in Wednesday, Jun 05, 2024 - 11:46 AM (IST)

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Inspirational Story:   लाया था। एक दिन जब यह दल आगे बढ़ रहा था किसी वजह से वह डॉगी पीछे छूट गया। रास्ते में एक नदी आई। विकट ठंड के बीच उन लोगों ने जैसे-तैसे नदी पार की और उन्हें ध्यान ही नहीं रहा कि वह नन्हा कुत्ता तो नदी पार नहीं कर पाया है। वे थोड़ा ही आगे बढ़े थे कि पीछे से डॉगी के ‘कूं-कूं’ करने की आवाज आई। अब जब सबने मुड़कर देखा तो पाया कि डॉगी डूबने के डर से छलांग नहीं लगा रहा। इसलिए दूसरे किनारे पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए इस तरह की आवाज निकाल रहा है।

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सब जानते थे कि बड़ी मुश्किल से उन्होंने बर्फीली नदी को पार किया है। यदि अब लौटकर गए तो किसी न किसी को अपनी जान से हाथ धोना पड़ सकता है। भरे मन से सबने उस कुत्ते के बच्चे को उसके हाल पर छोड़कर आगे बढ़ने का निर्णय लिया।

लेकिन अब्राहम लिंकन ठहर गए। वह बोले,  “आप लोग आगे बढ़िए, मैं एक नन्हे असहाय जीव को इस तरह तड़प कर मरने के लिए नहीं छोड़ सकता।”

उन्होंने अपने जूते-मौजे उतारे और परिवार के लोग कुछ कहते, उससे पहले ही उस बर्फीली नदी में उतर गए।

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वह कांपते-कांपते डॉगी के नजदीक पहुंचे। उसे जैसे ही गोद में उठाया वह उनसे लिपट गया। अब्राहम धीरे-धीरे उसे लेकर दोबारा उस बर्फीली नदी से पार आ गए। जब उन्होंने कुत्ते को नीचे उतारा वह उनके पैरों से लिपट गया मानो जीवन बचाने के लिए उनका धन्यवाद कर रहा हो। जीवों के प्रति दया और कृतज्ञता का भाव अमरीका के 16वें राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन में जीवन भर रहा।

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Content Editor

Prachi Sharma

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