'हिंदुस्तान' शब्द का प्रयोग सबसे पहले गुरु नानक देव जी ने किया: आरपी सिंह

punjabkesari.in Friday, Apr 07, 2023 - 02:58 PM (IST)

नई दिल्ली: विदेश में जा बसे अलगाववादी हिंदुस्तान की भूमि पर अलग हिस्से की मांग करते हुए निरंतर अभियान चलाए हुए हैं और पिछले कुछ समय से यह अभियान तोडफ़ोड़ वाला और हिंसक होता जा रहा है। विशेष रूप से कनाडा, अमरीका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया में ये अलगाववादी कभी हिंदू मंदिरों की दीवारों पर भारत विरोधी नारे स्प्रे करते हैं तो कभी भारतीय उच्चायोगों व दूतावासों को निशाना बना रहे हैं।
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इन अलगाववादियों की इन हरकतों के बावजूद उन्हें समुदायके सदस्यों की ओर से कोई समर्थन नहीं दिया जा रहा है बल्कि इनकी करतूतों के कारण समुदाय स्वयं को असहज महसूस कर रहा है। भारत में लोग और केंद्र सरकार इन अलगाववादियों के विरुद्ध इन चारों देशों से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि उन्हें सबक मिले। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने इन अलगाववादियों को श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में गुरुनानक जी के शब्दों का संदर्भ देकर उनकी मांग की हवा निकाल दी है।

वह कहते हैं कि ‘हिंदुस्तान’ शब्द का सबसे पहले प्रयोग गुरु नानक देव जी ने किया था जिसका श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में पृष्ठों 360 और 723 पर उनकी बाणी में स्पष्ट उल्लेख है। भाजपा नेता ने कहा कि जो ‘खालिस्तानी’ अलग जमीन की मांग कर रहे हैं और हिंदुस्तान को गालियां दे रहे हैं, वे वास्तव में गुरु नानक देव जी की अवज्ञा और असम्मान कर रहे हैं। इससे पहले 14 फरवरी को मिसिसागा के राम मंदिर में तोडफ़ोड़ के साथ हिंदू और भारत विरोधी नारे लिखे गए थे। वहीं, कनाडा के ही ब्रैम्पटन के गौरी शंकर मंदिर तो रिचमंड के विष्णु मंदिर में भी कई मूर्तियों को तोड़ा गया था

आरोपियों का हुलिया भी आ गया सामने
पुलिस ने बताया कि कनाडा के हिंदू मंदिर में हुई घटना के समय एक संदिग्ध ने काले रंग का स्वैटर, बाएं पैर पर एक छोटे से सफेद लोगो के साथ काली पैंट और काले और सफेद रंग के हाई-टॉप सफेद शूज पहने थे। दूसरे संदिग्ध ने काली पैंट, एक स्वेट शर्ट, काले जूते और सफेद मौजे पहने थे। इससे पहले 14 फरवरी को मिसिसागा के राम मंदिर में तोड़फोड़ के साथ हिंदू और भारत विरोधी नारे लिखे गए थे। वहीं, कनाडा के ही ब्रैम्पटन के गौरी शंकर मंदिर तो रिचमंड के विष्णु मंदिर में भी कई मूर्तियों को तोड़ा गया था। 


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rajesh kumar

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