Love Kush Ramleela: भगवान हनुमान हैं असली सुपर हीरो: अर्जुन कुमार

punjabkesari.in Sunday, Sep 29, 2024 - 11:22 AM (IST)

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। लव कुश रामलीला कमेटी दिल्ली (Love Kush Ramleela Committee Delhi) एवं श्री रामलीला महासंघ के दिल्ली अध्यक्ष, अर्जुन कुमार ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/ जगबाणी/हिंद समाचार से खास बातचीत की है। पेश हैं विशेष साक्षात्कार के मुख्य अंश...

सवाल : पहले की अपेक्षा में अब राम लीलाओं के आयोजन में कैसे बदलाव अनुभव कर रहे हैं?

जवाब : अब लीलाओं को पढ़ी-लिखी और मॉडर्न युवा पीढ़ी देखने के लिए आती है। लीला का स्तर बहुत आगे बढ़ चुका है। हाइटेक होने के साथ लीला में हमेशा कुछ ना कुछ नया कर रहे हैं हम। इससे नए लोग जुड़ते हैं। श्रीराम कथा के साथ हंसी के फुआर भी होगी। लीला पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो रही है। दुबई, न्यूयॉर्क से फोन आते हैं कि लाइव लीला का लिंक भेज दीजिए।

सवाल : ओटीटी के जमाने में नौजवान पीढ़ी को रामलीला से जोड़ने के लिए आप क्या कर रहे हैं?

जवाब : अधिक से अधिक युवाओं को हम जोड़ रहे हैं, उन्हें आमंत्रित करते हैं। विभिन्न तरह के अन्य आयोजन, प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी इसके लिए किए जाते हैं। हम लीला के माध्यम से युवा पीढ़ी को ये बताना चाहते हैं कि सुपर हीरो हीमैन या सुपरमैन नहीं हैं, बल्कि असली सुपर हीरो महाबली भगवान हनुमान जी हैं। जो पूरा पर्वत उठा लेते हैं और समंदर उड़कर पार कर जाते हैं। लीला के माध्यम से बच्चों को हम रियल हीरो से मिलवाते हैं। जरूरी नहीं कि वे मैदान में आकर ही लीला देखें।

मोबाइल फोन स्क्रीन, टीवी स्क्रीन पर लव कुश रामलीला में देखते हैं कि हनुमान जी हवा में उड़कर आ रहे हैं तो उन्हें यकीन होता है कि असली हीरो बजरंगबली हैं। लोग प्रभास, अक्षय कुमार को देखने आते हैं तो हजारों लोग लीला से जुड़ते हैं। जिस दिन हम घोषणा करते हैं की आज प्रभास आएंगे या कंगना आएंगी तो लीला स्थल पर एक लाख से ज्यादा दर्शक जुटते हैं। करोड़ों दर्शक मोबाइल और टीवी के माध्यम से जुड़ते हैं। हमारी रामलीला 3 से 13 अक्तूबर तक चलेगी। उससे पहले हम फुल ड्रेस रिहर्सल रखते हैं जो 1 अक्तूबर को होगा। उसके बाद शाम को अनिरुद्धाचार्य महाराज प्रवचन-भजन करेंगे। शीतल पांडे, कन्हैया मित्तल को भी जोड़ा है। जो राम के भजन सुनाएंगे।

सवाल : लीला का नाम लव कुश रामलीला कैसे पड़ा?

जवाब : दरअसल पहले यह रामलीला फतेहपुरी में हुआ करती थी। जिसका नाम पहले सनातन धर्म रामलीला कमेटी था। 1983 में रामानंद सागर की रामायण में लव कुश की भूमिका निभाने वाले बाल कलाकारों को 
लीला में आमंत्रित किया गया। उस समय हमारी रामलीला लव कुश वाली रामलीला के नाम से लोकप्रिय हो गई। फिर इसका नाम भी लव कुश राम लीला कर दिया गया।

सवाल : आपकी यात्रा लीला को लेकर कैसी रही है? परिवार को भी देखना है, बिजनेस भी है। कैसे मैनेज करते है?

जवाब : मैं अपना काम पूरा करता हूं, मैं अपना बिजनेस नहीं छोड़ता। बिजनेस में अब बच्चे आ गयेे हैं तो वो भी देखते हैं। समय बांट दिया है मैंने। जिस काम को जितना समय देना है उसको मैं उतना समय देता हूं। यह बात सही है कि इस एक महीने के लिए वक्त ज्यादा देना पड़ता है। वो मैनेज हो जाता है। प्रभु श्रीराम की इच्छा है, वो ही करा रहे हैं।

सवाल : आप कितने सालों से रामलीला कराते आ रहे हैं?

जवाब : वर्ष 1974 में इंदिरा गांधी आई थीं फतेहपुरी की रामलीला में। मुझे मेरे बुजुर्ग ले गए थे लीला दिखाने। फिर दूसरी रामलीला में जवाहर लाल नेहरू आए थे। वो भी मैं देखने गया था। तब मैं बच्चा ही था उतना समझ ज्ञान नहीं था। मगर, ये था कि रामलीला होती है। तो उस जमाने से मैं लीला देखता आ रहा हूं।

सवाल : लीला में टेक्नोलॉजी को कैसे जोड़ रहे हैं, खास क्या है?

जवाब : लीला के पात्रों की बात करूं तो वो मुंबई से बुलाते हैं। मंच हमारा रामेश्वरम थीम पर बनाया जाएगा। जो 160 फुट लंबा, 80 फुट चौड़ा होगा। बॉलिवुड फिल्मों की स्टाइल में दृश्य होंगे। सीता हरण हवा में नजर आएगा आपको। लीला के गाने बॉलिवुड सिंगर से कराए हैं। जल्द ही हम आर्टिफिशल इंटेलिजेंस को भी इस्तेमाल करेंगे। इसमें लीला को किसी भी भाषा में देखा सुना जा सकेगा।

सवाल : 2 अक्तूबर को विद्यार्थी करेंगे श्रीराम लीला का मंचन

जवाब : लीला स्थल पर 2 अक्तूबर को स्कूल के बच्चे रामलीला प्रस्तुत करेंगे। जिसमें वो पूरी ड्रेस के साथ लीला करते नजर आएंगे। तीन घंटे की यह बच्चों की रामलीला पूरी तरह रामायण का ज्ञान देती दिखेगी। तकरीबन सौ बच्चे इसमें भाग लेंगे। सभी को सम्मानित करते हैं। जब बच्चे प्रतीक चिन्ह लेते हैं तो वो जय श्रीराम बोलते हैं।

सवाल : सामाजिक जिम्मेदारियां भी पूरी करती है लीला समिति

जवाब : हमारी लीला सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ सामाजिक जिम्मेदारियां को भी पूरा करती है। पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर हेल्थ कैंप लगाया गया। जिसमें सामाजिक न्याय मंत्रालय की ओर से प्राप्त ट्राई साइकिल दिव्यांग जनों को और स्पेशल बच्चों को मोबाइल दिए गए।


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Content Writer

Murari Sharan

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