हनुमान जन्मोत्सव भारत की आत्मा का उत्सव है : युवराज पोखरना
punjabkesari.in Tuesday, Apr 23, 2024 - 06:44 PM (IST)
नई दिल्ली: आपने देखा होगा कि हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां लोग अक्सर एक-दूसरे पर संदेह करते हैं और एक-दूसरे से असहमति के विचार रखते हैं ऐसे में वह पल खास हो जाता है जब एक परिवार के लोग एक साथ आकर प्यार और देखभाल का वातावरण बुनते हैं। जाने-माने स्तंभकार, मीडिया पैनलिस्ट और राजनीतिक टिप्पणीकार युवराज पोखरना हाल ही में एक ऐसे पल के साक्षी बने जब उन्होंने श्री हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर अपनी शुभकामनाएं दी, जिसको पूरे हर्षोउल्लास से पूरी दुनिया भर में मनाया जाता है।
दरअसल पोखरना की शुभकामनाएं सिर्फ एक दिन विशेष के लिए नहीं थी बल्कि यह एक परंपरा को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के प्रयास के तौर पर रही। उन्होंने बताया कि परंपराओं को जीवित रखना और भावी पीढ़ियों के लिए इसे संजों कर रखना कितना जरूरी है। उन्होंने कहा, "हम श्री राम के आदर्शों को को मानने वाले संस्कारों और परिवार से आते हैं, अकबर-तैमूर जैसे परिवार से नहीं...हमें अपने बच्चों को अपने पूर्वजों के आदर्शों के बारे में बताना चाहिए। धर्म का पालन करते हुए सांस्कृतिक रीति व परम्पाओं को निभाना चाहिए। अपने बच्चों को यह शिक्षा-दीक्षा देनी चाहिए।"
इस वीडियो में हनुमान जन्मोत्सव के सार को दिखाया गया है जहां हनुमान जी की मूरत के दृश्यों के जरिए इस जन्मोत्सव में शामिल होने के लिए प्रेरित किया गया है। इस वीडियो में हनुमान जी के रूप को बेहद ही सुन्दर तरीके से दिखाया गया है और यह दिखाता है कि हमारी संस्कृति और परंपराओं को अगली पीढ़ी तक ले जाना कितना महत्वपूर्ण है। ऐसे समय में जब चीजें कितनी तेजी से बदल रही हैं। ऐसे में हमें अपने मूल्यों को याद रखने और एक समुदाय के रूप में अपने जुड़ाव की याद दिलाता है।
युवराज चाहते हैं कि सभी अभिभावक अपने बच्चों को अपने धर्म के बारे में सिखाएं और बताएं कि हनुमान जन्मोत्सव जैसे त्योहार मनाना क्यों महत्वपूर्ण है। उनका मानना है कि इन परंपराओं को जीवित रखना कितना महत्वपूर्ण है जहां इस तेज भागती दुनिया में भी सभी पुरानी मान्यताएं लुप्त होती जा रही है। वहीं इस वीडियो में जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है देखने वालों को हनुमान के चरित्र के कई आयाम देखने को मिलते हैं और इसके साथ ही जब राम मुस्कुराते हैं, तो यह हमें एहसास दिलाता है कि भविष्य में हमारी सांस्कृतिक विरासत मजबूत होती रहेगी और लोगों को एक साथ लाएगी।
दरअसल, हनुमान जन्मोत्सव मनाते हुए युवराज पोखरना हमें याद दिलाते हैं कि कोई भी परंपराएं महज अतीत के अवशेष नहीं बल्कि हमारी जीवित विरासतें हैं जो हमारे वर्तमान को समृद्ध करती रहती है। वहीं हमारे भविष्य को हर बार एक नया आकार देती है। जैसे ही वीडियो समाप्त होता है हर किसी के चेहरे पर मुस्कुराहट और पवित्रता के भाव पीछे छोड़ते हुए यह हमारी दुनिया में फैले अज्ञानता के अंधेरे में रोशनी का संचार होता है। वहीं वीडियो का मर्म प्यार, परिवार और परंपरा की शक्ति का एक मार्मिक माध्यम रूप में निकलता है। पोखरना का मानना है कि हम इस दिन ना केवल हनुमान जन्मोत्सव का उत्सव मनाते हैं, बल्कि एक स्थायी मानवीय भावना का उत्सव भी मनाते हैं और एक ऐसी भावना जागृत होती है जो हमें जीवन में आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करती है।