चीन के चमगादड़ों में मिला नया वायरस, क्या फिर फैल सकती है एक नई महामारी

punjabkesari.in Saturday, Jun 07, 2025 - 03:06 PM (IST)

नेशनल डेस्क: चीन के युन्नान प्रांत में चमगादड़ों की रूटीन सैंपलिंग के दौरान वैज्ञानिकों ने HKU5-CoV-2 नामक नए कोरोनावायरस की पहचान की। यह खोज वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की साझेदारी वाले एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में दर्ज हुई और इसके नतीजे हाल ही में Nature Communications में प्रकाशित हुए। शोध टीम ने वायरस के पूरे जीनोम का विश्लेषण किया और पाया कि इसका स्पाइक प्रोटीन पहले से ज्ञात HKU5 स्ट्रेनों से अलग दिशा में विकसित हो रहा है।

कितना खतरनाक है यह वायरस

प्रयोगशाला परीक्षणों में HKU5-CoV-2 ने पशु और मानव कोशिकाओं की रिसेप्टर-बाइंडिंग साइट्स पर मजबूत पकड़ दिखायी। वैज्ञानिकों का आकलन है कि बस एक मामूली म्यूटेशन इसके लिए इंसानी कोशिकाओं में घुसपैठ का रास्ता खोल सकता है। ठीक यही बात 2002-03 के SARS-CoV और 2012 के MERS-CoV के शुरुआती चरण में देखी गयी थी।

MERS और कोरोना से तुलना

HKU5-CoV-2 अपनी वंशावली में मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS) के काफी करीब है जबकि संरचना के कुछ हिस्से कोविड-19 जनक SARS-CoV-2 से मिलते-जुलते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि यह वायरस ACE2 रिसेप्टर को पूरी तरह पकड़ने लगे तो मानव-से-मानव संक्रमण संभव हो सकता है। MERS में मृत्यु-दर लगभग 34 % रही है इसलिए कोई भी नया MERS-समान वायरस वैश्विक स्वास्थ्य के लिए गंभीर चुनौती माना जाता है।

मानवों में फैलने का जोखिम क्यों

चमगादड़ बहुत बड़ी संख्या में वायरसों के प्राकृतिक वाहक होते हैं इसलिए उनके आवास क्षेत्रों में मानवीय दखल बीमारी के प्रसार का प्रमुख कारण बन सकता है। HKU5-CoV-2 गर्म और नम वातावरण में स्थिरता दिखाता है जो जीवित बाजारों, फार्म-हाउस और शहरी कलस्टर में इसे मौका दे सकता है। यदि यह किसी मध्यवर्ती प्रजाति—जैसे सिवेट या ऊँट—में अनुकूलन कर ले तो वायरस के मानव समाज में कूदने की आशंका बढ़ जाएगी।

वैज्ञानिकों की चेतावनी और अगला कदम

वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी तथा अमेरिकी रोग नियंत्रण केंद्र (CDC) से जुड़े वैज्ञानिकों ने साफ कहा है कि HKU5-CoV-2 “सिर्फ एक छोटे जीन बदलाव” की दूरी पर है। उनकी सिफारिश है कि—

  • चमगादड़ और अन्य वन्यजीवों की सक्रिय निगरानी बढ़ाई जाए

  • जीवित पशु बाजारों में संक्रमण-नियंत्रण प्रोटोकॉल कठोर हों

  • संभावित वैक्सीन प्लेटफॉर्म पर अग्रिम शोध शुरू किया जाए

  • सीमावर्ती इलाकों के स्वास्थ्य-कर्मियों को नई गाइडलाइन दी जाए

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी इन शुरुआती निष्कर्षों की समीक्षा कर रहा है हालांकि फिलहाल कोई अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित नहीं हुआ है।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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