चाणक्य नीति: संसार के चार काम जो कोई किसी को सिखा नहीं सकता

punjabkesari.in Saturday, Jul 02, 2016 - 11:12 AM (IST)

आचार्य चाणक्य की नीतियों पर अमल करके व्यक्ति अपने जीवन को सुखी अौर सफल बना सकता है। इनकी नीतियों के बल पर सामान्य बालक चंद्रगुप्त को अखंड भारत का सम्राट बनाया गया था अौर विदेशी शासक सिकंदर से भारत की रक्षा हुई थी। चाणक्य की नीतियां का अनुसरण करके परेशानियों का सरलता से सामना किया जा सकता है। चाणक्य के अनुसार संसार में कुछ कार्य व्यक्ति को सिखाए नहीं जाते अपितु ऐसे गुण उसमें जन्म से ही होते हैं।

दानशीलता

दानशीलता का गुण व्यक्ति के स्वभाव में ही होता है। इसे बढ़ाना या कम करना आसान काम नहीं है। इस प्रकार की आदत व्यक्ति में जन्म से ही होती है। हम किसी के इस गुण को कम या अधिक नहीं कर सकते क्योंकि ये दान-पुण्य का कार्य व्यक्ति अपनी इच्छानुसार करता है।

 

समय पर उचित या अनुचित निर्णय लेने की योग्यता

जीवन में अलग-अलग परिस्थितियां आती रहती हैं इसलिए किसी को ये नहीं सिखाया जा सकता कि कौन से समय पर कैसा निर्णय लिया जाए। उचित या अनुचित निर्णय व्यक्ति को स्वयं ही लेने पड़ते हैं। ऐसे लोग जो समय रहते सही या गलत फैसले को समझ लें वह जीवन में उन्नति करते हैं। इस प्रकार का गुण व्यक्ति में जन्म से होता है।

 

धैर्य धारण करना

धैर्यवान व्यक्ति में प्रत्येक विपरीत स्थिति से निकलने की योग्यता होती है। धैर्य से बुरे समय को समाप्त किया जा सकता है। कुछ लोग प्रत्येक कार्य को शीघ्रता से अौर बिना सोच-विचार किए निर्णय ले लेते हैं फिर उन्हें बाद में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस प्रकार के लोगों को ज्ञान देने से समय ही खराब होता है क्योंकि ये गुण व्यक्ति के स्वभाव में जन्म से होता है।

 

मीठा बोलना

जो लोग शुरु से ही कड़वा बोलते हैं उन्हें मधुर बोलना नहीं सिखाया जा सकता।  ऐसे लोग कुछ समय के लिए ही अपना स्वभाव बदल सकते हैं परंतु सदा के लिए नहीं। 


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