चाणक्य नीति: कर्तव्यों के पालन से कभी नहीं सताता असुरक्षा का भय

punjabkesari.in Sunday, Jul 03, 2016 - 02:13 PM (IST)

आचार्य चाणक्य एक बड़े दूरदर्शी विद्वान थे। चाणक्य जैसे बुद्धिमान, रणनीतिज्ञ, चरित्रवान व राष्ट्रहित के प्रति समर्पित भाव वाले व्यक्ति भारत के इतिहास में ढूंढने से भी बहुत कम मिलते हैं। इनकी नीतियों में उत्तम जीवन का निर्वाह करने के बहुत से रहस्य समाहित हैं, जो आज भी उतने ही कारगर सिद्ध होते हैं। जितने कल थे। इन नीतियों को अपने जीवन में अपनाने से बहुत सी समस्याओं से बचा जा सकता है और साथ ही, उज्जवल भविष्य का निर्माण किया जा सकता है। चाणक्य के अनुसार कर्तव्य राजतंत्र का अंग हैं। इनके प्रयोग से सुरक्षा कायम की जा सकती है।

 

राज्यतन्त्रेष्वायत्तौ तन्त्रावापौ।

 

राज्यतंत्र से संबंधित घरेलू और बाह्य, दोनों कर्तव्यों को राजतंत्र का अंग कहा जाता है। 

जो राजा अपनी स्वदेश नीति और विदेश नीति का भली प्रकार से पालन करता है, उसे कभी असुरक्षा का भय नहीं सताता।


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