चाणक्य नीति सूत्र: बिजनेस को सफलता की ऊंचाइयों तक लेकर जाने के लिए पढ़ें...

punjabkesari.in Monday, May 16, 2016 - 02:12 PM (IST)

अलब्धलाभादि चतुष्टयं राज्यतंत्रम्।
 
अर्थ : अप्राप्त लाभ आदि राज्यतंत्र के चार आधार हैं।
 
भावार्थ : जो राजा अप्राप्त लाभ को प्राप्त करने का प्रयत्न नहीं करता, प्राप्त धन अथवा भूमि की रक्षा नहीं करता, रक्षित धन अथवा भूमि की श्रीवृद्धि तथा विकास नहीं करता और उचित राजकर्मचारियों की नियुक्ति करके राज कार्यों में परस्पर सामंजस्य नहीं करता, वह राज्य संचालन में असफल हो जाता है क्योंकि राजतंत्र के ये चार प्रमुख आधार हैं।
 
वर्तमान समय में भी आचार्य चाणक्य की यह नीति उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी उस समय थी। आप भी अपने व्यापार अथवा कारोबार को सफलता की ऊंचाइयों तक लेकर जाना चाहते हैं तो उनके द्वारा बताए गए चारों आधारों को अपने बिजनेस का स्तंभ बनाएं।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News