सुनहरी भविष्य का आगाज करने के लिए अपनाएं चाणक्य की ये नीतियां

punjabkesari.in Saturday, Jan 09, 2016 - 09:38 AM (IST)

अर्थशास्त्र के रचियता आचार्य चाणक्य की महान नीतियों का पालन करने से व्यक्ति कभी भी गलत पथ पर नहीं जा सकता। जीवन में किसी भी तरह की परेशानी अथवा  नुकसान से बचना चाहते हैं तो उनकी नीतियों को यर्थाथ में धारण करके आप सुनहरी भविष्य का आगाज कर सकते हैं।

शनिश्चरी अमावस्या स्पैश्ल: संकटों से छुटकारा दिलाने वाले बेहद प्रभावकारी मंत्र

मंदिर न जा सकें तो घर पर 2016 की पहली और आखिरी शनिश्चरी अमावस्या पर भर लें भंडार

* नाते-रिश्तेदार कितने अपने हैं और कितने पराए इस बात का पता संकट के समय पर लगता है की कौन हमारी मदद के लिए आता है और कौन पीठ दिखा कर भाग जाता है।  जीवन संगिनी कितनी आपके करीब है इस बात का पता जब आपके पास धन नहीं रहता उस समय पर लगता है।

* अपने गुप्त रहस्य कभी किसी के सामने उजागर नहीं करने चाहिए। 

* हर व्यक्ति को अपना घर अवश्य बनाना चाहिए। दूसरे के घर में रहने से बड़ा कष्ट और कोई नहीं है।

* जरूरत से अधिक ईमानदार होना व्यक्ति के लिए बहुत से संकटों का जाल बुनता है।

* जीवन का कटु सत्य है की संसार के जितने भी मैत्रीपूर्ण रिश्ते हैं उनमें कोई न कोई स्वार्थ अवश्य छिपा होता है।

* कमजोर व्यक्ति को दूसरों के सामने अपनी ताकत का प्रदर्शन करते रहना चाहिए। 

* दुश्मनों की खुशामद करने से, धर्म-ईमान को छोड़ कर या बहुत अधिक दर्द सहने के बाद जो धन मिले उसे छोड़ देना ही बेहतर है। 

* जो बीते समय में आपसे गलती हो गई है उस पर विचार न करते रहे बल्कि भविष्य में वह गलती न दोहराएं और वर्तमान को सुधार कर भविष्य को संवारना चाहिए।


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