आचार्य चाणक्य की खास नीतियों में छिपा है मुसीबतों से छुटकारा पाने का रहस्य

punjabkesari.in Tuesday, May 17, 2016 - 12:57 PM (IST)

 भारतीय साहित्य और आम जनमानस में आचार्य चाणक्य की नीतियों का महत्त्वपूर्ण स्थान है। इन्हें अपने जीवन में अपनाकर जीवन को सुखमय एवं सफल बना सकते हैं। आचार्य चाणक्य का अनुसरण करके साधारण बालक चंद्रगुप्त मगध का सम्राट बना था। उन्हें राजनीति कुशल, कूटनीति में संपन्न, अर्थशास्त्र के विद्वान माना जाता है। उनकी नीतियां जीवन में मुसीबतों से छुटकारा पाने के लिए प्रयोग की जा सकती हैं।

 

* चाणक्य के अनुसार एक राजा की शक्ति उसकी भुजाअों का बल होती है, ब्राह्मण की ताकत उसका ज्ञान अौर अौरतों की शक्ति उनकी सुंदरता, जवानी अौर मधुर वाणी में होती है।

 

* दरबान, नौकर, राही, भूखे व्यक्ति, भंडारी, विद्यार्थी अौर भयभीत इंसान को नींद से जगा दें।

 

* आग, गुरु, ब्राह्मण, कुंवारी कन्या, गाय, बूढ़ों व बालकों को पैर न लगने पाएं।

 

* पराए घर में रहने वाली महिला, नदी किनारे के वृक्ष अौर जिस राजा का मंत्री न हो वह बहुत जल्दी बर्बाद हो जाते हैं।

 

* प्रजा के पाप का फल राजा को, राजा के पाप का फल राजपुरोहित को, विद्यार्थियों के पाप का फल गुरु को अौर महिला के पाप का फल पति को भोगना पड़ता है।

 

* डर अापके समीप आए तो उसका सामना करके उसे खत्म कर दें।

 

* ईश्वर मूर्तियों में नहीं हैं।अनुभूति भगवान है अौर आत्मा उनका मंदिर।

 

* अपने रहस्य दूसरों पर जाहिर न होने दें यह आदत किसी भी व्यक्ति का पतन कर देती है।

 

* सबसे बड़ा दुख पराए घर में रहना है।

 

* बीता समय कभी वापिस नहीं आता यदि हमसे कोई गलत कार्य हो जाए तो उसके बारे में न सोचकर अपने आज को सुधार कर आने वाले कल को संवारना चाहिेए।

 

* जो धन बहुत कष्टों के बाद मिले, जिसके लिए अपना धर्म-ईमान बेचना पड़े या दुश्मनों की खुशामद करनी पड़े तो ऐसे धन को न लें।

 

* सांप में जहर न होने पर भी उसे फुंफकारना नहीं छोडना चाहिए। उसी प्रकार कमजोर इंसान को भी स्वंय को ताकतवर दिखाना चाहिए।

 

* संसार की कोई ऐसी मित्रता नहीं है जिसमें स्वार्थ की भावना न हो। सुनने में यह कटु अवश्य लगता है लेकिन यह सच है।

 

* इंसान को हद से ज्यादा ईमानदार नहीं होना चाहिए क्योंकि जंगल में सबसे पहले सीधे वृक्ष ही काटे जाते हैं इसलिए बहुत सच्चे व ईमानदार व्यक्ति को ज्यादा मुश्किलें सहनी पड़ती हैं।

 

* संबंधियों की पहचान मुसीबत के समय में होती है अौर जीवन साथी की परख धन का नाश होने पर होती है।

 

 


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