एन.आई.ए. ने पंजाब समेत कई राज्यों के कुख्यात गैंगस्टरों के घरों पर एक साथ दी दबिश

punjabkesari.in Monday, Sep 12, 2022 - 08:17 PM (IST)

चंडीगढ़,(रमनजीत सिंह) : आतंक व गंभीर अपराधों के खिलाफ जांच करने वाली देश की शीर्ष जांच एजैंसी नैशनल जांच एजैंसी यानि एन.आई.ए. ने उत्तर भारत में गंभीर रूप धारण करके आतंक का पर्याय बन चुके गैंगस्टर कल्चर पर सोमवार को बड़ा प्रहार किया। एन.आई.ए. की विभिन्न टीमों द्वारा न सिर्फ पंजाब, चंडीगढ़ व हरियाणा, बल्कि राजस्थान व दिल्ली के भी कई इलाकों में छापामारी व तलाशी अभियान को चलाया गया। सोमवार को एक साथ 50 जगहों पर की गई छापामारी व तलाशी अभियान के दौरान एन.आई.ए. को छह पिस्तौल, एक रिवॉल्वर, एक शॉटगन, गोली-सिक्का, ड्रग्स, नगदी, धमकी भरे पत्र व अन्य दस्तावेज, बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज और अन्य सामान बरामद हुआ है। एन.आई.ए. के डायरैक्टर जनरल दिनकर गुप्ता का कहना है कि सभी जगहों से बरामद हुए सामान के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आतंक फैलाने के लिए होने वाली विदेशी फंडिंग के एंगल से भी इन सभी अपराधियों के गिरोहों की जांच की जा रही है। 

 


ध्यान रहे कि प्रसिद्ध गायक शुभदीप सिंह उर्फ सिद्धू मूसेवाला की मानसा में हुई हत्या के बाद लगातार पंजाब पुलिस और दिल्ली पुलिस विभिन्न गैंगस्टरों के पीछे लगी हुई थी और इस समय के दौरान दर्जनों गैंगस्टरों व अपराधियों की गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं। सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मामले में ही पंजाब पुलिस 23 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। 

 

 

उत्तरी भारत के सभी कुख्यात बरमाशों के घरों की ली गई तलाशी
एन.आई.ए. द्वारा सोमवार को एक साथ पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान और दिल्ली के विभिन्न जिलों के 50 स्थानों पर छापामारी की गई। यह छापामारी पंजाब के फाजिल्का, मुक्तसर साहिब, फरीदकोट, मोगा, तरनतारन, अमृतसर, लुधियाना, मोहाली व चंडीगढ़ और हरियाणा के पूर्वी गुरुग्राम, भिवानी, यमुनानगर, सोनीपत व झज्जर जिलों, राजस्थान के हनुमानगढ़ व गंगानगर और दिल्ली के द्वारका, आऊटर नॉर्थ, नॉर्थ वेस्ट, नॉर्थ ईस्ट व शाहदरा जिलों में इस छापामारी को अंजाम दिया गया। इन जगहों पर छापामारी के दौरान गैंगस्टर गोल्डी बराड़ (कनाडा), लॉरैंस बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया, वरिंदर प्रताप उर्फ काला राणा, काला ज_ेड़ी, विक्रम बराड़, गौरव पटियाला उर्फ लक्की पटियाल (अरमेनिया में गिरफ्तार हुआ था), नीरज बवाना, कौशल चौधरी, टिगू ताजपुरिया, अमित डागर, दीपक कुमार उर्फ टीनू, संदीप उर्फ बंदर, उमेश उर्फ काला, इरफान उर्फ चीनू पहलवान, आशिम उर्फ हाशिम बाबा, सचिन भांजा व उनके साथियों के घरों व अन्य परिसरों की गहन तलाशी ली गई। 

 

 

देश के लिए खतरा बना गैंगस्टर और आतंकी संगठनों का नैटवर्क
एन.आई.ए. द्वारा आतंकी संगठनों और गैंगस्टरों के बीच कायम हुए आपराधिक व देश विरोधी नेटवर्क को खत्म करने की मंशा से इस बड़े ऑपरेशन को शुरू किया है। इसके लिए दिल्ली पुलिस द्वारा 26 अगस्त को दर्ज की गई दो एफ.आई.आर. नंबर 38 व एफ.आई.आर. नंबर 39 को आधार बनाकर नए मामले एन.आई.ए. द्वारा दर्ज किए गए हैं। इनमें एन.आई.ए. द्वारा आतंकी और गैंगस्टरों के नापाक गठजोड़ व उनके द्वारा आम लोगों में आतंक पैदा करने के लिए की जा रही वारदातों में शामिल बड़े गैंगस्टरों व उनके सभी सहयोगियों को नामजद किया गया है। 

 

 

एन.आई.ए. द्वारा की गई जांच में यह पता चला था कि इन कुख्यात अपराधियों द्वारा हाल ही में अंजाम दिए गए विभिन्न अपराधों जिनमें न सिर्फ उद्योगपतियों, प्रोफैशनल्स और डॉक्टर्स वगैरह को न सिर्फ फिरौती के लिए धमकाया गया, बल्कि इनके द्वारा अपने अपराधों को इंटरनैट के विभिन्न माध्यमों के जरिए प्रचारित भी किया गया ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों में डर व आतंक का माहौल बनाया जा सके। एन.आई.ए. की जांच में यह बात भी सामने आई के गैंगस्टरों द्वारा अंजाम दिए जा रहे फिरौती व हत्याओं के मामले इक्का-दुक्का होने वाले अपराध नहीं हैं, बल्कि इन सभी अपराधों के पीछे एक संगठित व बड़ा नैटवर्क काम कर रहा है, जिसमें न सिर्फ गैंगस्टर बल्कि विदेशों में बैठे आतंकी, ड्रग तस्करी करने वाले भी शामिल हैं। यह लोग न सिर्फ देश के भीतर बल्कि पाकिस्तान, कनाडा, मलेशिया, आस्ट्रेलिया जैसे विदेशों में भी बैठकर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए नेटवर्क चला रहे हैं।

 

 

एन.आई.ए. द्वारा जांच अधीन कई मामलों, जिनमें तरनतारन में शौर्य चक्र से सम्मानित कामरेड बलविंदर सिंह की हत्या का मामला भी शामिल है, की जांच के दौरान यह तथ्य सामने आ चुके हैं कि इन घटनाओं को अंजाम देने की साजिशें विदेशों में बैठे अपराधियों और देश के विभिन्न राज्यों की जेलों में बंद गैंगस्टरों द्वारा ही तैयार की गई थीं, जिन्हें बाद में अपने उन्होंने अपने सहयोगियों के जरिए अंजाम भी दिया। यह भी पता चला कि इन गिरोहों द्वारा टारगेटेड  किलिंग्स व किडनैपिंग को लोगों से पैसे उगाहने के लिए अंजाम दिया गया और गिरोहों द्वारा अंतर-राष्ट्रीय सरहदों के जरिए न सिर्फ हथियार बल्कि नशों की तस्करी को भी अंजाम दिया जा रहा है।


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News Editor

Ajay Chandigarh

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