बुजुर्ग से 1.53 करोड़ ठगी करने वाला किया गिरफ्तार
punjabkesari.in Monday, Mar 07, 2022 - 01:22 AM (IST)

चंडीगढ़,(सुशील राज): इश्योरैंस पॉलिसी के पैसे दोगुने करने का लालच देकर बुजुर्ग से एक करोड़ 53 लाख की ठगी करने वाले फरार आरोपी को साइबर सेल की टीम ने गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपी की पहचान मुंडी खरड़ स्थित ग्रीन वैली निवासी विपुल सोनी की रूप में हुई। आरोपियों ने पैसे दोगुने करवाने के लिए उनके करोड़ों रुपए एफ.आर.डी.आई,इंडियन क्लब, सी.वी. सर्विसिज, एडवैंचर मार्ट इंडिया, शताक्षी सर्विसिज में पैसे इन्वैस्ट करवाए थे। साइबर सैल ने आरोपी को जिला अदालत में पेश कर किया। अदालत ने आरोपी को चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। पुलिस पकड़े गए आरोपी से उसके सदस्य रवि मिश्रा, कमलेश कुमार, प्रदीप कुमार, विमल दुबे और अंकित मिश्रा के बारे में और डेढ़ करोड़ रुपए के बारे में पूछताछ कर रही है। सैक्टर-34 निवासी साधु सिंह को 2014 में रवि मिश्रा का फोन इंश्योरैंस को लेकर आया था। उन्होंने खुद को कंपनी को कर्मचारी बताया था। रवि मिश्रा ने उन्हें बताया कि केंद्र सरकार की तरफ से सीनियर सिटीजन के दोगुने पैसे करने की स्कीम आई है।
बाद में फोन उठाना बंद कर दिया
साधु सिंह उनके झांसे में आ गया और रवि मिश्रा के कहने पर उन्होंने एफ.आर.डी.आई., इंडियन क्लब, सी.वी. सर्विसिज, एडवैंचर मार्ट इंडिया, शताक्षी सर्विसिज कंपनी में एक करोड़ 53 लाख रुपए इंवेस्ट करवा दिए। उन्होंने बताया कि कमलेश कुमार के अकाऊंट में 87 लाख 66 हजार, एफ.आर.डी.आई. सिंडीकेट बैंक में 42 लाख 68 हजार, प्रदीप कुमार के अकाऊंट में 13 लाख चार हजार, विमल दुबे के अकाऊंट में सात लाख 90 हजार रुपए, इंडियन क्लब के अकाऊंट में एक लाख दो हजार, सी.वी. सर्विसिज के अकाऊंट 25 हजार, अंकित मिश्राा के अकाऊंट में एक लाख आठ हजार, एडवैंचर मार्ट इंडिया के अकाऊंट में एक लाख दस हजार, शताक्षी के अकाऊंट में एक लाख 32 हजार रुपए जमा करवाए थे। साधु सिंह ने कहा कि जब उसने अपनी रसीद मांगी तो मिश्रा बहाने बनाने लगा और बाद में फोन उठाना बंद कर दिया।
ठगी का अहसास होने पर साधु सिंह ने मामले की शिकायत पुलिस को दी थी। साइबर सैल ने मामला दर्ज करवाकर आरोपी को पकडऩे के लिए साइबर सेल इंस्पैक्टर हरी ओम के नेतृत्व में स्पैशल टीम बनाई थी। पुलिस टीम ने बैंक अकाऊंट और मोबाइल नंबर की मदद से ठगी करने वाले आरोप विपुल सोनी को गिरफ्तार कर लिया। साइबर सैल ने बताया कि इश्योरैंस पॉलिसी के पैसे दोगुने करने का लालच देकर गिरोह के सदस्य बुजुर्ग लोगों को अपना शिकार बनाते थे। पहले बुजुर्ग लोगों के पैसे इन्वैस्ट करवाते थे और बाद में कहते थे कि अगर पॉलिसी में पैसे आगे इन्वैस्ट नहीं किए तो पहले इन्वैस्ट करवाए पैसे खत्म हो जाएंगे। इसके बाद गिरोह के सदस्य बुजुर्ग लोगों से अलग-अलग बैंकों में पैसे जमा करवाते थे।